Monday, August 18, 2025
Homeब्रेकिंगजीएमसी भोपाल में तंबाकू रोकथाम, उपचार एवं परामर्श का किया जाएगा कार्य

जीएमसी भोपाल में तंबाकू रोकथाम, उपचार एवं परामर्श का किया जाएगा कार्य

भोपाल
गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में तंबाकू निवारण केन्द्र (टीसीसी) का केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री जाधव प्रतापराव गणपतराव ने वर्चुअली शुभारंभ किया। डीन जीएमसी डॉ कविता एन सिंह ने बताया कि गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में तंबाकू निवारण केन्द्र (टीसीसी) का डीन जीएमसी डॉ. कविता एन. सिंह ने शुभारंभ किया। डीन जीएमसी डॉ सिंह ने बताया कि गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय में टीसीसी सेंटर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं मानसिक रोग विभाग के समन्वय से प्रतिदिन अस्पताल का ओपीडी समय पर संचालित किया जाएगा। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार पटने, सायकेट्रिक सोशल वर्कर श्रीमति दिव्या शुक्ला एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग के चिकित्सक हमीदिया अस्पताल में तंबाकू से होने वाले रोगो के रोगियों एवं तंबाकू छोडने के इच्छुक व्यक्तियों के परामर्श एवं उपचार में सहायता करेंगे।

तंबाकू निवारण केंद्र (टीसीसी) का उद्देश्य तंबाकू छोड़ने के लिए रोगियों को जागरूक करना और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है। इसमें तंबाकू उपयोगकर्ताओं के लिए व्यवहारिक हस्तक्षेप, औषधीय उपचार और पुनर्वास रणनीतियां शामिल हैं। साथ ही सामुदायिक जागरूकता के प्रयास भी टीसीसी के द्वारा किए जाएँगे। उल्लेखनीय है कि तंबाकू का उपयोग वैश्विक स्तर पर मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, जिससे प्रति वर्ष 80 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है। अकेले भारत में, तंबाकू हर साल लगभग 13.5 लाख मौतों के लिए जिम्मेदार है। तंबाकू शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करती है। तंबाकू से होने वाली तीन प्रमुख बीमारियां हैं: कैंसर, कोरोनरी आर्टरी रोग और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव फेफड़ों की बीमारी। चिंताजनक बात यह है कि तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या मलेरिया, टीबी और एचआईवी से होने वाली कुल मौतों से भी अधिक है।

तंबाकू पर वैश्विक वयस्क सर्वेक्षण (ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के 28.6 प्रतिशत वयस्क वर्तमान में किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करते हैं, जबकि 13-15 वर्ष की आयु के युवाओं में तंबाकू का उपयोग 8.5 प्रतिशत है। हालांकि, पिछले एक दशक में तंबाकू के सेवन में देश भर में कमी आई है, जो यह संकेत देता है कि हमारी तंबाकू नियंत्रण नीतियां सही दिशा में बढ़ रही हैं, फिर भी हम तंबाकू मुक्त भारत के अपने लक्ष्य से काफी दूर हैं।

इसी दिशा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तंबाकू के उपयोग से लड़ने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। 2016 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एम-सेसेशन, एक मोबाइल आधारित सेवा, और राष्ट्रीय टोल-फ्री क्विटलाइन शुरू की, जो तंबाकू छोड़ने की इच्छा रखने वाले उपयोगकर्ताओं को 16 भाषाओं में परामर्श प्रदान करती है।

वर्ष 2018 में, भारत ने तंबाकू छोड़ने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए देशभर के डेंटल संस्थानों में तंबाकू निवारण केंद्र (टोबैको सेसेशन सेंटर) स्थापित करने और परिचालन के दिशानिर्देश जारी किए। इसका उद्देश्य उन मरीजों को प्रोत्साहित और समर्थन देना था जो इस आदत को छोड़ने का प्रयास कर रहे थे, साथ ही इस बात पर जोर देना था कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता तंबाकू छोड़ने और संयम के लिए मरीजों की पहचान करने, उन्हें प्रेरित करने और परामर्श देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अब इस पहल को एक कदम आगे बढ़ाते हुए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘मेडिकल संस्थानों में तंबाकू निवारण केंद्र (टोबैको सेसेशन सेंटर) स्थापित करने और परिचालन दिशानिर्देश’ जारी किए हैं। यह देश को तंबाकू से मुक्त करने की दिशा में अहम प्रयास है।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments