Monday, August 18, 2025
Homeदेशयूएस की एजेंस‍ियां भारत, बांग्‍लादेश और म्‍यांमार को अलग करते हुए पृथक...

यूएस की एजेंस‍ियां भारत, बांग्‍लादेश और म्‍यांमार को अलग करते हुए पृथक ईसाई देश बनाने के लिए काम कर रही :CM लालदुहोमा

वॉशिंगटन
 मिजोरम के मुख्यमंत्री पीयू लालदुहोमा ने बीते महीने, 4 सितंबर को अमेरिका के इंडियानापोलिस में एक भाषण दिया है। इस भाषण में कही गई उनकी बातों की ना सिर्फ भारत बल्कि बांग्लादेश और म्यांमार में भी चर्चा है। इस दौरान लालदुहोमा ने चिन-कुकी-जो की एकजुटता और एक देश का आह्वान किया। चिन-कुकी-जो भारत, बांग्लादेश और म्यांमार में रहने वाली ईसाई जनजातियां हैं। अमेरिका में हुए इस भाषण के बाद सवाल है कि क्या यूएस की खुफिया एजेंस‍ियां भारत, बांग्‍लादेश और म्‍यांमार के कुछ हिस्सों को अलग करते हुए अलग ईसाई देश बनाने के लिए काम कर रही हैं क्योंकि अमेरिका की जमीन पर उनको इस बात को रखने के लिए मंच मिला है।

गोवा क्रोनिकल के मुताबिक, मिजोरम सीएम के भाषण के अंतर्निहित निहितार्थों ने अलगाववादी एजेंडे के बारे में चिंताएं पैदा कर दी हैं, जो दक्षिण एशिया को अस्थिर कर सकता है। धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर टिप्पणियों के साथ लालदुहोमा के भाषण ने किसी विदेशी समर्थन का संदेह पैदा किया है। साथ ही संप्रभुता, क्षेत्रीय स्थिरता और भूराजनीतिक पैंतरेबाजी पर भी बहस छेड़ दी है।

लालदुहोमा बोले- हम सब एक लोग

लालदुहोमा ने अपने भाषण में कहा, ‘हम एक लोग हैं, हम भाई बहन हैं और बंटने का जोखिम नहीं उठा सकते। ईश्वर ने हमें एक बनाया और हम राष्ट्रीयता की हासिल करने के लिए एक नेतृत्व के तहत उठेंगे। हालांकि किसी देश की सीमाएं हो सकती हैं लेकिन एक सच्चा राष्ट्र उनसे परे होता है। हमें तीन देशों की तीन सरकारों में अन्यायपूर्वक विभाजित किया गया है। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।’ लालदुहोमा नेराजनीतिक एकता की एक मुखर दृष्टि का प्रस्ताव रखा, जिससे संप्रभुता के बारे में चिंताएं पैदा हुई हैं।

लालदुहोमा ने अपने भाषण में ‘राष्ट्रीयता की नियति’ पर बात करते हुए साझा सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का आह्वान किया। उन्होंने इस पर जोर दिया कि चिन-कुकी-जो लोगों के पास उन सरहदों के बावजूद एक राष्ट्र होने का ऐतिहासिक दावा है। यह भावना चिन-कुकी-जो समुदाय की ओर से हाल में उभरी है, जो खुद को हाशिए पर महसूस कर रहे हैं। ये समुदाय भारत के मणिपुर और मिजोरम राज्यों के साथ-साथ बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों में फैली हुई हैं।ये भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध साझा करती हैं जो उन्हें सीमाओं के पार जुड़ा हुआ महसूस कराती हैं।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम ने भी किया था दावा

ये चिंता लंबे समय ये रही है कि विदेशी शक्तियां रणनीतिक उद्देश्यों के लिए इस क्षेत्र में विभाजन करा सकती हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कुछ समय पहले दावा किया था कि एक अमेरिकी अधिकारी ने बांग्लादेश, म्यांमार और भारत के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक ईसाई राष्ट्र बनाने की योजना के बारे में बात की थी। हसीना के बयान ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचाई थी। अब मिजोरम सीएम का बयान भी इसी तरह की चिंताओं को बढ़ाता करता है कि क्या अमेरिका से इस क्षेत्र में कोई हस्तक्षेप हो रहा है।

लालदुहोमा के भाषण की सेटिंग और समय इन चिंताओं को और भी बढ़ाता है क्योंकि उन्होंने अमेरिकी धरती पर यह संदेश देने का विकल्प चुना है। अमेरिका पर पूर्व में भी रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए अलगाववादी आंदोलनों का समर्थन करने का आरोप लगा है। हसीना के बाद इंडियानापोलिस में अपना भाषण देकर लालदुहोमा ने अमेरिकी इरादों के बारे में नई अटकलों को जन्म दे दिया है। खालिस्‍तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्‍नू को सीआईए का एजेंट माना जाता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments