Thursday, August 14, 2025
Homeमध्य प्रदेशनए साल में जयकारों से गूंजा बाबा महाकाल का दरबार, आशीर्वाद लेने...

नए साल में जयकारों से गूंजा बाबा महाकाल का दरबार, आशीर्वाद लेने उमड़े भक्त

उज्जैन
 नए साल के पहले दिन उज्जैन में बाबा महाकाल की भस्मारती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। देश भर से भक्त आये थे। सभी ने नए साल 2025 की शुभकामनाएं मांगीं और महाकालेश्वर से आशीर्वाद लिया। साल के नए दिन को खास बनाने के लिए बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार भी किया गया, जिसे देखकर लोग देखते ही रह गए। महाआरती भी हुई। मान्यता है कि भस्मारती देखने से व्यक्ति विशेष हो जाता है।

उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में नए साल का अनोखा जश्न मना। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आये। सुबह तीन बजे से ही भक्त महाकाल की भक्ति में लीन हो गए। नए साल की पहली सुबह बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक हुआ। दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से बाबा को नहलाया गया। चंदन का लेप लगाया गया। सुगंधित द्रव्य चढ़ाए गए। भांग से श्रृंगार किया गया। पंडितों ने मंत्रोच्चार किए। बाबा को श्वेत वस्त्र पहनाए गए। फिर भस्म रमाई गई। इसके बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े और शंखनाद के साथ भस्मारती हुई।

देखने लायक होता है विशेष श्रृंगार

भस्मारती में शामिल होने वाले भक्तों में खासा उत्साह दिखा। किसी ने परिवार की सुख-शांति की कामना की। किसी ने देश की अमन-चैन और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। यह मान्यता है कि बाबा महाकाल की भस्मारती के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति धन्य हो जाता है, उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। नए साल पर बाबा का विशेष श्रृंगार देखने लायक था। इस श्रृंगार में बाबा और भी दिव्य लग रहे थे। भक्तों ने इस अद्भुत दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया।

भक्तों की संख्या नियंत्रण के लिए खास व्यवस्था

मंदिर प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष व्यवस्था की थी। पुलिस बल तैनात था। स्वयंसेवक भी मदद कर रहे थे। श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और पानी की व्यवस्था भी की गई थी। सब कुछ सुचारू रूप से चला। इस तरह उज्जैन में नए साल की शुरुआत बाबा महाकाल के आशीर्वाद से हुई। हजारों भक्तों ने भस्मारती का लाभ उठाया और नए साल के लिए शुभकामनाएं प्राप्त कीं। यह वाकई एक अविस्मरणीय अनुभव था। भक्तों के चेहरों पर श्रद्धा और भक्ति साफ दिख रही थी। सभी ने नए साल की शुरुआत एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ की।

शिव को समर्पित विशेष अनुष्ठान है भस्मआरती

भस्मारती, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह शिव जी को समर्पित है। यह प्रातः काल सूर्योदय से पहले की जाती है। इसमें जली हुई लकड़ी की राख का उपयोग किया जाता है। इस राख को भस्म कहा जाता है। मान्यता है कि भस्म सभी पापों को नष्ट कर देती है। और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में हुई भस्मारती का विशेष महत्व है। यहाँ देश-विदेश से लोग भस्मारती के दर्शन करने आते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments