Tuesday, June 17, 2025
Homeछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़&पेंशन होल्ड की धमकी सहित 20 दिनों में 50 लाख ठगने वाला...

छत्तीसगढ़&पेंशन होल्ड की धमकी सहित 20 दिनों में 50 लाख ठगने वाला फर्जी ट्रेजरी अधिकारी गिरफ्तार

सक्ति/रायपुर।

मध्यप्रदेश में ठगी और बैंक खाता बेचने वाले आरोपियों को पुलिस ने छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी छत्तीसगढ़ के सक्ति के रहने वाले है। आरोपियों ने पेंशन होल्ड होने की धमकी देकर रिटायर्ड कर्मचारियों से ठगी करते थे। आरोपी खुद को ट्रेजरी विभाग का अधिकारी बताता था। रिटायर्ड कर्मचारियों को फोन कर बोलते थे कि पेंशन होल्ड की जा रही है। एक फरियादी से आरोपियों ने बैंक में लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट करने का झांसा देकर करीब 7 लाख रुपए की ठगी की थी। पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है।

20 साल से फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी, आरोपी पर जिम्मेदार मेहरबान

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के शिक्षा विभाग में एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है. लगभग 20 वर्षों से फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे व्यक्ति पर जिला शिक्षा अधिकारी मेहरबान हैं. शिकायत के बावजूद उक्त शिक्षक को प्रमोशन और स्थानांतरण का लाभ वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. डीएन मिश्रा ने दिया है. वहीं, शिकायतकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. सालभर पहले तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने उक्त शिक्षक पर विभागीय जांच की मांग की थी, लेकिन वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी ने इन आदेशों को दबा दिया और उक्त व्यक्ति से सांठगांठ कर हाईकोर्ट से स्टे लाने तक का मौका दिया.

दरअसल, बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड में कमलेश्वर पटेल नामक शिक्षक बीते कई वर्षों से फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी कर रहा है. इसकी शिकायत भी विभाग में की गई थी. कमलेश्वर पटेल ने अपने सर्विस बुक में 1997 में 12वीं पास होने का उल्लेख किया है, जबकि जिस सर्टिफिकेट का उन्होंने उल्लेख किया है, उसमें “सप्लीमेंट्री” लिखा हुआ है.

मामले में तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने उक्त शिक्षक पर विभागीय जांच की मांग की थी. लेकिन वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. डीएन मिश्रा ने पूरे मामले पर्दा डालते हुए शिक्षक कमलेश्वर पटेल को निलंबन से बहाल कर रामचंद्रपुर विकासखंड में पदस्थ किया. वहीं चोरी चुपके स्वयं के आदेश का संशोधन कर वाड्रफनगर विकासखंड में भेजा है जबकि उक्त शिक्षक पर विभागीय जांच करना चाहिए था लेकिन मोटी रकम की उगाही और लेनदेन के बाद इतने बड़े प्रकरण को जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा दबाया गया है. पूरे प्रकरण में आवेदक गणों ने जिला शिक्षा अधिकारी पर लेनदेन करके मामले को दबाने का आरोप भी लगाया है.

जब इस पूरे मामले में लल्लूराम डॉट कॉम की टीम जिला शिक्षा अधिकारी डी.एन. मिश्रा से बात की, तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी और संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि जब जिला शिक्षा अधिकारी को उनके अधीनस्थ अधिकारी ने उक्त शिक्षक के खिलाफ विभागीय जांच के लिए पत्र लिखा, तो ऐसे पत्रों को क्यों दबाया गया? जाहिर है कि इतने बड़े प्रकरण को दबाने के लिए कुछ न कुछ लाभ जरूर मिला होगा.

मामले में प्रार्थी निर्मल पटेल ने बताया कि कमलेश्वर पटेल फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं. इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों और पुलिस में की गई थी. मामला पंजीबद्ध हुआ, आरोपी जेल भी गया और निलंबित भी हुआ. लेकिन वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी डी.एन. मिश्रा की मिलीभगत और बड़ी लेन-देन के चलते मामले को दबा दिया गया. उन्होंने गुप्त आदेश निकालकर आरोपी को पुनः नौकरी में भेजा. निर्मल पटेल ने कहा कि वे जहां तक लड़ाई करनी पड़ेगी, करेंगे और आरोपी को सजा दिलाकर रहेंगे. वर्तमान में प्रकरण सेशन कोर्ट रामानुजगंज में चल रहा है.

मामले में अपर कलेक्टर इंद्रजीत वर्मन ने बताया कि हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है. प्रकरण को मंगाकर उचित कार्रवाई की जाएगी.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments