Tuesday, August 19, 2025
Homeमध्य प्रदेशभोपाल के शायर अंजुम बाराबंकवी ने श्रीराम पर लिखी गजल, PM मोदी...

भोपाल के शायर अंजुम बाराबंकवी ने श्रीराम पर लिखी गजल, PM मोदी ने की तारीफ़

भोपाल

अयोध्या में भगवान श्रीराम की स्थापना के एक वर्ष पूर्ण होने की खुशी और उत्साह हर तरफ छाया हुआ है। इसी उमंग को साहित्य में भी खूबसूरत अंदाज में परोसा जा रहा है। राजधानी भोपाल के प्रसिद्ध शायर डॉ अंजुम बाराबंकवी ने भी इस संदर्भ में एक गजल लिखी है।

उन्होंने अपनी यह गजल पीएम नरेंद्र मोदी के अवलोकन के लिए भेजी थी। जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय से पीएम मोदी के हस्ताक्षरित पत्र डॉ अंजुम बाराबंकवी के नाम आया है। पीएम मोदी ने शायर की भगवान राम के लिए भावनाओं को सराहनीय बताया है। साथ ही कहा है कि आप जैसे देशवासियों द्वारा किए जा रहे प्रयास राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे।

यह लिखा चिट्ठी में
नेहपूर्ण पत्र के माध्यम से अपने विचारों को मुझसे साझा करने के लिए आभार। अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने पर अपनी प्रसन्नता को ‘राम ग़ज़ल’ लिखकर अभिव्यक्त करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

‘राम ग़ज़ल’ में प्रभु श्री राम के प्रति अपने प्रेम को आपने बहुत सुंदर ढंग से दर्शाया है। कहा भी गया है- ‘रामो विग्रहवान् धर्मः’ अर्थात् प्रभु श्री राम साक्षात् धर्म के, यानि कर्तव्य के सजीव स्वरूप हैं। हमारी संस्कृति के आधार प्रभु श्री राम से हमें विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य, दृढता, साहस, सत्यनिष्ठा और समभाव रखते हुए जीवन में आगे बढ़ने की सीख मिलती है।

यह देखना सुखद है कि अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर में उनके दर्शन के लिए देश-विदेश से अनेक श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। आस्था और अध्यात्म के केन्द्रों के रूप में अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी व विन्ध्याचल सहित हमारे विभिन्न पावन स्थल स्थानीय अर्थव्यवस्था व रोजगार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अपनी समृद्ध विरासत पर गर्व के भाव के साथ अमृत काल में एक भव्य व विकसित भारत के निर्माण की दिशा में हम अग्रसर हैं। मुझे विश्वास है कि आप जैसे देशवासियों द्वारा किए जा रहे प्रयास राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे।

यह है डॉ अंजुम बाराबंकवी की

राम गजल

दूर लगते हैं मगर पास हैं दशरथ नन्दन
मेरी हर साँस का विश्वास हैं दशरथ नन्दन

दिल के काग़ज़ पे कई बार लिखा है मैंने
इक महकता हुआ अहसास हैं दशरथ नन्दन

दूसरे लोगों के बारे में नहीं जानता हूँ
मेरे जीवन में बहुत ख़ास हैं दशरथ नन्दन

और कुछ दिन में समझ जाएगी छोटी दुनिया
हम ग़रीबों की बड़ी आस हैं दशरथ नन्दन

आप इस तरह समझ लीजिए मेरी अपनी
ज़िन्दगी के लिए मधुमास हैं दशरथ नन्दन

ये जो दौलत है मेरे सामने मिट्टी भी नहीं
मेरी क़िस्मत के मेरे पास हैं दशरथ नन्दन

मेरी ये बात भी जो चाहे परख सकता है
सच के हर रूप के अक्कास हैं दशरथ नन्दन

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments