Wednesday, May 7, 2025
Homeमध्य प्रदेशजीवाजी विवि के कुलगुरु अविनाश तिवारी बर्खास्त, धारा 52 लागू

जीवाजी विवि के कुलगुरु अविनाश तिवारी बर्खास्त, धारा 52 लागू

ग्वालियर
 ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी को बर्खास्त कर दिया गया है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने धारा 52 के तहत यह कार्रवाई की है। यह पहला मामला है, जब किसी कुलपति को इस तरह हटाया गया है। तिवारी पर मुरैना के एक फर्जी कॉलेज, शिवशक्ति महाविद्यालय, को मान्यता देने का आरोप है। EOW ने इस मामले में तिवारी समेत 18 प्रोफेसरों पर केस दर्ज किया था। तिवारी की जगह नरसिंहपुर के डॉ. राजकुमार आचार्य को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया है।

कागजों पर चल रहा था कॉलेज

यह पूरा मामला मुरैना के झुंडपुरा गांव में स्थित शिवशक्ति महाविद्यालय से जुड़ा है। यह कॉलेज सिर्फ कागजों पर चल रहा था, जमीनी हकीकत में इसका कोई अस्तित्व नहीं था। इसके बावजूद जीवाजी विश्वविद्यालय से इसे कई सालों तक मान्यता मिलती रही। EOW की जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। EOW ने दो कुलपतियों समेत 18 प्रोफेसरों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। इनमें से दो प्रोफेसरों का निधन हो चुका है और छह रिटायर हो चुके हैं।

2022 में सामने आया था मामला

यह मामला 2022 में सामने आया था जब अरुण कुमार शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने EOW में शिकायत दर्ज कराई थी। शर्मा ने शिवशक्ति महाविद्यालय के संचालक रघुराज सिंह जादौन पर फर्जी कॉलेज चलाने का आरोप लगाया था। EOW ने जांच शुरू की और पाया कि कॉलेज कागजों में ही चल रहा था। जिस पते पर कॉलेज होना बताया गया था, वहां कोई कॉलेज नहीं था।

तैयार किए थे फर्जी दस्तावेज

EOW की जांच में पता चला कि शिवशक्ति महाविद्यालय के संचालक रघुराज सिंह जादौन ने कुलपति अविनाश तिवारी और अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। इन दस्तावेजों के आधार पर कॉलेज को मान्यता और सम्बद्धता दिलाई गई। फर्जी तरीके से छात्रों का दाखिला दिखाकर स्कॉलरशिप और सरकारी फंड का गबन किया गया। EOW ने पाया कि जांच दल की मिलीभगत से यह सब चल रहा था।

कुलपति को किया बर्खास्त

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने धारा 52 का इस्तेमाल करते हुए कुलपति अविनाश तिवारी को बर्खास्त कर दिया। यह पहली बार है जब किसी कुलपति को इस धारा के तहत बर्खास्त किया गया है। तिवारी की जगह महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, करेली के प्राचार्य डॉ. राजकुमार आचार्य को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया है।

इस मामले में बांसवाड़ा स्थित गोविंद गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. केएस ठाकुर पर भी आरोप हैं। उन्होंने भी शिवशक्ति महाविद्यालय का निरीक्षण किया था। EOW ने उनके ख़िलाफ़ भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। तिवारी की बर्खास्तगी के बाद अब ठाकुर पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

EOW की जांच में यह भी पता चला कि जीवाजी विश्वविद्यालय की जांच कमेटी के सदस्य भी इस घोटाले में शामिल थे। ये सदस्य हर साल कॉलेजों का निरीक्षण करते थे। लेकिन इन्होंने शिवशक्ति महाविद्यालय की फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट बनाकर उसे मान्यता दिलाने में मदद की।

इन पर दर्ज हैं केस

इस मामले में जिन लोगों पर केस दर्ज है, उनके नाम इस प्रकार हैं: प्रोफेसर अविनाश तिवारी (कुलपति, जीवाजी यूनिवर्सिटी), डॉ. केएस ठाकुर (कुलपति, गोविंद गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी), डॉ. एपीएस चौहान (मृत), डॉ. एके हल्वे (सेवानिवृत्त), डॉ. एसके गुप्ता (सेवानिवृत्त), डॉ. एसके सिंह, डॉ. सीपी शिंदे (सेवानिवृत्त), डॉ. आरए शर्मा, ज्योति प्रसाद (सेवानिवृत्त), डॉ. नवनीत गरुड़, डॉ. सपन पटेल, डॉ. एसके द्विवेदी (सेवानिवृत्त), डॉ. हेमंत शर्मा, डॉ. राधा तोमर, डॉ. आरपी पांडेय (सेवानिवृत्त), डॉ. एमके गुप्ता, डॉ. निमिषा जादौन, डॉ. सुरेश सचदेवा, और डॉ. मीना श्रीवास्तव।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments