Monday, May 5, 2025
Homeमध्य प्रदेशनगरीय क्षेत्रों में मुख्यमंत्री ई&रिक्शा योजना

नगरीय क्षेत्रों में मुख्यमंत्री ई&रिक्शा योजना

भोपाल

प्रदेश में ऑटो रिक्शा चलाने वाले हितग्राहियों की आमदनी बढ़ाने और शहर को प्रदूषण मुक्त रखने के मकसद से नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस वर्ष से मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना लागू करने का निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत पहले चरण में 3500 हितग्राहियों को फायदा पहुँचाया जायेगा। योजना में लाभान्वित हितग्राहियों को ऋण राशि में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से ब्याज में सब्सिडी भी दी जायेगी। प्रदेश में नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना का निरंतर वर्ष 2027-28 तक क्रियान्वयन किया जायेगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि योजना के जरिये राज्य सरकार संकल्प-पत्र 2023 के अनुसार ऑटो एवं टैक्सी चालक कल्याण के संकल्प को पूरा करेगी।

योजना का स्वरूप

योजना के अंतर्गत हितग्राही को नवीन ई-रिक्शा क्रय करने के साथ पुराने डीजल एवं पेट्रोल रिक्शा को पुन: सुसज्जित (रेट्रो फिटिंग) कर ई-रिक्शा में परिवर्तित किया जाकर फायदा पहुँचाया जायेगा। चयनित हितग्राहियों को दीनदयाल जन-आजीविका मिशन-शहरी घटक में 4 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त व्यक्तिगत ऋण प्रदान किया जायेगा। इसी के साथ हितग्राही को प्राप्त ऋण पर 8 प्रतिशत का ब्याज अनुदान केन्द्र सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से खाते में प्रदान किया जायेगा। मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना में लिये गये ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी। हितग्राही को कोलेटरल सिक्योरिटी मुक्त ऋण प्रदान किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना के अंतर्गत शहरी गरीब महिलाओं को विशेष रूप में लाभ प्रदान कर शासन के नारी सशक्तिकरण मिशन को बल प्रदान किया जायेगा। हितग्राही चयन के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने शर्तें निर्धारित की हैं। इसके अंतर्गत हितग्राही का नगरीय क्षेत्र में निवास करना आवश्यक रखा गया है। योजना का लाभ 18 से 55 वर्ष तक के हितग्राही को मिलेगा, जो पूर्व से ऑटो रिक्शा संचालित कर रहा हो। चयनित हितग्राही के पास मोटर व्हीकल लायसेंस होना आवश्यक है। योजना का क्रियान्वयन नगरीय निकायों द्वारा जिला शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से किया जायेगा। हितग्राही को आवेदन-पत्र नि:शुल्क प्राप्त होंगे।

टॉस्क फोर्स समिति

जिले में प्राप्त होने वाले आवेदन-पत्रों के निराकरण के लिये टॉस्क फोर्स समिति गठित होगी। परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण समिति अध्यक्ष होंगे। अन्य सदस्यों में बैंक प्रतिनिधि और योजना प्रभारी को भी शामिल किया गया है। बैंकों द्वारा प्रकरण 30 दिवस में अनिवार्य रूप से निराकृत किया जायेगा। इसके बाद नियत 15 दिन में ऋण वितरण किया जाना भी अनिवार्य किया गया है। बैंकों द्वारा किसी भी प्रकार की कोलेटरल सिक्योरिटी की माँग आवेदक से नहीं की जायेगी। योजना के क्रियान्वयन के लिये बजट में आवश्यक प्रावधान किये जा रहे हैं।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments