नई दिल्ली
पहलगाम आंतकी हमले के भारतीय नौसेना ने अपने पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS Vikrant को अरब सागर में करवर तट के पास तैनात किया है. इस युद्धपोत के स्ट्राइक ग्रुप में एक विमानवाहक पोत, विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बी रोधी युद्धपोत और अन्य सहायक जहाज शामिल हैं.
यह समूह एक शक्तिशाली इकाई के रूप में काम करता है, जो विभिन्न समुद्री अभियानों में भाग ले सकता है. ये ग्रुप एक मजबूत सुरक्षा कवच बनाती हैं जो वायु, सतह और पनडुब्बी से बचाव करती हैं. अगर ये स्ट्राइक ग्रुप किसी भी समय पाकिस्तानी नौसेना के छक्के छुड़ा सकती है. कराची और ग्वादर बंदरगाह तक और पूरे पाकिस्तान को तबाह कर सकता है.
कितने युद्धपोत हैं इस स्ट्राइक ग्रुप में?
आईएनएस विक्रांत का डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है. यह 262 मीटर लंबा और 59 मीटर चौड़ा है. यह अपने ऊपर 40 फाइटर जेट्स को लेकर चल सकता है. INS विक्रांत में जनरल इलेक्ट्रिक के ताकतवर टरबाइन लगे हैं. जो इसे 1.10 लाख हॉर्सपावर की ताकत देते हैं. इस पर MiG-29K लड़ाकू विमान और 10 Kmaov Ka-31 हेलिकॉप्टर के दो स्क्वॉड्रन हैं. इस विमानवाहक पोत की स्ट्राइक फोर्स रेंज 1500 km है. इसपर 64 बराक मिसाइलें लगी हैं. जो पोत से हवा में मार करने में सक्षम हैं. ब्रह्मोस मिसाइलें भी लैस हैं, जिनसे पाकिस्तान डरता है.
कोलकाता क्लास का पहला विध्वंसक. 2014 से नौसेना में तैनात. मोटो है हमेशा युद्द के लिए तैयार. 7500 टन डिस्प्लेसमेंट वाले इस जंगी जहाज की लंबाई 535 फीट है. बीम 57 फीट की है. अधिकतम 56 km/hr की गति से चल सकता है. छह तरह के आधुनिक सेंसर्स से लैस. तीन तरह के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और डेकॉय सिस्टम से लैस. 32 बराक-8 और 16 ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस. 1 ओटो मेलारा 76 mm नेवल गन, 4 एके-630 CIWS, 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस. इस पर दो सी किंग या ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं.
विशाखापट्टनम क्लास का पहला स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक. 2021 से नौसेना में तैनात. 7400 टन का डिस्प्लेसमेंट. लंबाई 535 फीट. बीम 57 फीट है. अधिकतम गति 56 km/hr. रेंज 7400 km है. समंदर में 45 दिन रहने की क्षमता. 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक इसमें सवार हो सकते हैं. 6 कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसमें 32 बराक 8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स, 7 प्रकार के गन्स होते हैं. ध्रुव और सी किंग हेलिकॉप्टर तैनात हैं. 21 इंच के 4 टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. साथ ही 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स भी लगाए गए हैं.
यह विशाखापट्टनम क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर है. 24 नवंबर 2022 से नौसेना में तैनात. यह 7400 टन डिस्प्लेसमेंट का जंगी जहाज है. 535 फीट लंबे इस युद्धपोत की अधिकतम गति 56 KM प्रतिघंटा है. इस पर 300 नौसैनिक रह सकते हैं. 6 कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसमें 32 बराक 8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स, 7 प्रकार के गन्स होते हैं. ध्रुव और सी किंग हेलिकॉप्टर तैनात हैं. 21 इंच के 4 टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. साथ ही 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स भी लगाए गए हैं.
कोलकाता क्लास का स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर. 2016 से नौसेना की ताकत बना हुआ है. मोटो है शत्रु संहारक. 7500 टन डिस्प्लेसमेंट वाले इस जंगी जहाज की लंबाई 535 फीट है. बीम 57 फीट की है. अधिकतम 56 km/hr की गति से चल सकता है. छह तरह के आधुनिक सेंसर्स से लैस. तीन तरह के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और डेकॉय सिस्टम से लैस. 32 बराक-8 और 16 ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस. 1 ओटो मेलारा 76 mm नेवल गन, 4 एके-630 CIWS, 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस. इस पर दो सी किंग या ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं.
तलवार क्लास के सभी जंगी जहाज असल में स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट हैं. इन जंगी जहाजों का समंदर में डिस्प्लेसमेंट 3850 टन होता है. इनकी लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है. ये जंगी जहाज समंदर में अधिकतम 59 km/hr की रफ्तार से चलते हैं. अगर इनकी गति को 26 km/hrकिया जाएगा तो ये 4850 km की रेंज कवर करते हैं. INS Talwar 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिन तक समंदर में रह सकता है. उसके बाद इसमें रसद और ईंधन डलवाना पड़ता है.
ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं. साथ ही 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसके अलावा इसमें 24 Shtil-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं. 8 इगला-1ई, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात है. इसमें एक 100 मिलिमीटर की A-190E नेवल गन लगी है. इसके अलावा एक 76 mm की ओटो मेलारा नेवल गन लगी है. 2 AK-630 CIWS और 2 काश्तान CIWS गन लगी हैं. इन खतरनाक बंदूकों के अलावा दो 533 मिलिमीटर की टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात की गई है. इस जंगी जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है.