भोपाल। जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए कायराना आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ होने के स्पष्ट संकेत मिलने के बाद, देश में एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ और पाकिस्तान के समर्थनकर्ताओं के विरोध में एकजुटता दिखाई दे रही है।
इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों को जान गंवानी पड़ी, जिससे देशभर में शोक और आक्रोश की लहर फैल गई है। ऐसे समय में जब देश आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है, पाकिस्तान के मित्र राष्ट्र तुर्की और अजरबैजान ने एक बार फिर भारत विरोधी रुख अपनाते हुए खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया है। यह रुख भारतीय नागरिकों के लिए बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय माना जा रहा है।
भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का विरोध प्रदर्शन
ऐसे माहौल में भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने एक साहसिक कदम उठाते हुए इन दोनों देशों के खिलाफ आर्थिक बहिष्कार की अपील की है। चेंबर के अध्यक्ष तेजकुलपाल सिंह पाली ने एक प्रेस बयान में कहा, “भारत की शांति, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ किसी भी प्रकार का सीधा या परोक्ष समर्थन स्वीकार नहीं किया जाएगा। तुर्की और अजरबैजान, पाकिस्तान के आतंकवाद को खुला समर्थन देकर भारत विरोधी ताकतों को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में इनसे व्यापार करना राष्ट्रविरोधी ताकतों को आर्थिक मज़बूती देने जैसा है।”
चेंबर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वे तुर्की और अजरबैजान से किसी भी प्रकार के आयात-निर्यात, पर्यटन गतिविधियों और सेवाओं में भागीदारी का पूर्ण बहिष्कार करते हैं। साथ ही उन्होंने भारत के अन्य व्यापारिक संगठनों और नागरिकों से भी इसी तरह का रुख अपनाने की अपील की है।
क्या है बहिष्कार का दायरा
तुर्की और अजरबैजान से आयात-निर्यात पर रोक
इन देशों के टूरिज्म पैकेज और विजिट प्लान रद्द करने की अपील
सेवाओं और कंसल्टेंसी सेक्टर में पूर्ण बहिष्कार
व्यापारिक संगठनों और आम जनता से सहयोग की मांग
व्यापारिक क्षेत्र में असर
तुर्की और अजरबैजान से भारत में कई प्रकार के उत्पाद जैसे कि मशीनरी, वस्त्र, कंज़्यूमर गुड्स और सजावटी सामान आते हैं। इसके अलावा तुर्की पर्यटन के क्षेत्र में भी एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आकर्षण बना हुआ है, जहां हर वर्ष हजारों भारतीय पर्यटक जाते हैं। अब यदि इन क्षेत्रों में बहिष्कार लागू होता है, तो इन देशों की अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है।
भोपाल चेंबर का यह निर्णय सिर्फ एक आर्थिक कदम नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बन रहा है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ सैन्य मोर्चे पर ही नहीं, आर्थिक और कूटनीतिक स्तर पर भी आतंक के खिलाफ संगठित होकर खड़ा हो रहा है।
सोशल मीडिया पर मुहिम
इस अपील के बाद सोशल मीडिया पर भी #BoycottTurkey #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। लोग इन देशों के उत्पादों को न खरीदने, उनके टूर पैकेज रद्द करने और उनके प्रति विरोध जताने की मुहिम चला रहे हैं। कई युवाओं और प्रभावशाली हस्तियों ने भी इस विरोध को समर्थन दिया है।
राष्ट्रीय एकता की मिसाल
यह कदम न केवल भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स की राष्ट्रभक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि जब देश की अखंडता पर चोट होती है, तो व्यापारी वर्ग भी चुप नहीं बैठता। यह बहिष्कार केवल एक शुरुआत है, और यदि देशभर में इसे समर्थन मिला, तो यह एक बड़ा राष्ट्रीय आंदोलन बन सकता है।
तेजकुलपाल सिंह पाली, अध्यक्ष, भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने अंत में कहा, “हम व्यापारी हैं, लेकिन उससे पहले हम भारतीय हैं। जब देश पर संकट हो, तो आर्थिक हित नहीं, राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।”