भाजपा की प्रोफेशनल मीट में ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री और क्रेडाई के बीच संवाद
विवेक झा, भोपाल, 20 जून 2025।
राजधानी भोपाल को भारत की पहली एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) लाइटहाउस सिटी और लॉजिस्टिक केपिटल के रूप में विकसित करने की दिशा में अब केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनैतिक स्तर पर भी स्पष्टता और समर्थन दिखाई देने लगा है। शुक्रवार को भोपाल में आयोजित भाजपा की प्रोफेशनल मीट में क्रेडाई भोपाल द्वारा तैयार की गई ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट को विधिवत मंच मिला, जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, और जिला अध्यक्ष रवीन्द्र यति सहित अनेक वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में रिपोर्ट पर सारगर्भित संवाद हुआ।
मंच से मुख्यमंत्री से संवाद, क्रेडाई अध्यक्ष ने रखा राजधानी का इंटेलिजेंस विज़न
इस मौके पर क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज मीक ने कहा –
“भोपाल गैस त्रासदी के बाद यह शहर एक लंबे सन्नाटे से गुज़रा है। जब बाकी देश आईटी में आगे बढ़ रहा था, तब राजधानी पीछे रह गई। लेकिन आज हमारे पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए उस खोई हुई भूमिका को फिर से पाने का सुनहरा अवसर है। हम चाहते हैं कि भोपाल तकनीकी चेतना का राष्ट्रीय केंद्र बने।”
बीएचईएल भूमि पर एआई टाउनशिप की मांग
मनोज मीक ने कार्यक्रम में सुझाव दिया कि बीएचईएल की 2200 एकड़ भूमि को उपयोग में लाकर वहां एक एआई लाइटहाउस सिटी और स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम राजधानी को सिर्फ औद्योगिक रूप से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी पुनर्स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री ने दिया सकारात्मक संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्रेडाई के प्रस्तावों को गंभीरता से सुनते हुए कहा –
“मैंने इस रिपोर्ट को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान भी देखा था। इसमें जो सुझाव हैं, वे भोपाल के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। कई बिंदुओं पर शासन स्तर पर कार्य पहले से शुरू हो चुका है।”
मुख्यमंत्री और मनोज मीक के बीच मंच पर खुले तौर पर संवाद हुआ, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि अब यह महज़ एक विकास योजना नहीं, बल्कि एक राजनीतिक-सामाजिक आंदोलन का स्वरूप ले रहा है।
भाजपा का औपचारिक समर्थन
भाजपा ज़िला अध्यक्ष रवीन्द्र यति ने मंच से ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपते हुए पार्टी की ओर से पूर्ण समर्थन पत्र भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा –
“यह रिपोर्ट राजधानी के योजनाबद्ध विकास का सबसे ठोस, तर्कसंगत और समयबद्ध दस्तावेज़ है। हम मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि इसे प्राथमिकता से लागू किया जाए।”
पहले ही हो चुकी है प्रशासनिक पहल
यह उल्लेखनीय है कि इस रिपोर्ट पर पहले ही प्रशासनिक स्तर पर हलचल शुरू हो चुकी है। बीते बुधवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर और डाटा कंप्यूट ज़ोन की संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया गया था। साथ ही गाइडलाइन दरों में विसंगतियों पर पंजीयन एवं स्टाम्प विभाग को समीक्षा के निर्देश दिए गए थे।
बैठक में क्रेडाई भोपाल ने निम्न प्रमुख दस्तावेज़ सौंपे थे:
“एआई लाइटहाउस सिटी – क्रेडाई विज़न”
“कमाल का भोपाल” क्रियान्वयन प्रस्ताव
भोपाल मेट्रोपॉलिटन मास्टर प्लान
इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर के क्रेडाई ज्ञापन
गाइडलाइन दरों पर आपत्तियाँ
कालोनाइजिंग अधिनियम, टाउनशिप नीति और रेरा से जुड़े सुझाव
संवाद से कार्य की दिशा में बढ़ता भोपाल
क्रेडाई भोपाल के वक्तव्य में कहा गया है –
“आज मंच से जो संवाद हुआ, वह केवल एक भाषण नहीं था – वह राजधानी की नई पहचान की घोषणा थी। हमने जो प्रस्ताव रखा है, उसमें केवल सपना नहीं, ठोस योजना है। आज पार्टी और शासन का जो समर्थन मिला है, वह आने वाले निर्णयों की नींव रखता है।”
‘कमाल का भोपाल’ अब एक आंदोलन का रूप ले चुका है – जिसमें केवल निजी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि शासन और राजनैतिक नेतृत्व भी भागीदार बन चुके हैं। एआई युग की ओर बढ़ते हुए भोपाल को भविष्य की राजधानी बनाने का यह प्रयास, अब संवाद से कार्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
‘कमाल का भोपाल’ – एआई लाइटहाउस सिटी प्रस्ताव की मुख्य बातें
1. दृष्टिकोण (Vision)
भोपाल को भारत की पहली “AI Lighthouse City” के रूप में विकसित करना।
राजधानी को तकनीकी, औद्योगिक और शहरी नवाचार का केंद्र बनाना।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए शासन, उद्योग और नागरिक जीवन को स्मार्ट बनाना।
2. प्रमुख प्रस्ताव
AI आधारित डेटा कंप्यूट ज़ोन की स्थापना, जिससे स्टार्टअप्स, सरकारी प्रोजेक्ट और इंडस्ट्री को एकीकृत किया जा सके।
2200 एकड़ बीएचईएल भूमि पर AI Townships और लॉजिस्टिक हब की योजना।
Smart Industrial Township की अवधारणा जिसमें तकनीक, ट्रांसपोर्ट और रोजगार एकसाथ हों।
3. प्राथमिक विकास क्षेत्र
ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स: भोपाल को लॉजिस्टिक कैपिटल के रूप में स्थापित करना।
शिक्षा और स्किल: AI आधारित कोर्स और ट्रेनिंग हब बनाना।
हेल्थटेक और गवर्नेंस: स्मार्ट हेल्थ मैनेजमेंट और शासन के लिए AI समाधान।
प्राकृतिक संसाधन और जल प्रबंधन: AI आधारित जल संरचना और पर्यावरण संरक्षण तकनीकें।
4. संभावित लाभ
रोज़गार सृजन: हजारों युवाओं के लिए AI और टेक क्षेत्र में नौकरियाँ।
निवेश आकर्षण: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर।
शहरी सुशासन: नगर नियोजन, कचरा प्रबंधन, ट्रैफिक कंट्रोल जैसे विषयों में AI का उपयोग।
5. क्रियान्वयन का रोडमैप
जनवरी 2026 तक बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की आधारशिला।
2027 तक AI सिटी का प्रथम चरण तैयार।
2030 तक अंतरराष्ट्रीय स्तर की AI आधारित शहरी संरचना।
6. रिपोर्ट में संदर्भित मॉडल्स
सिंगापुर, एस्टोनिया, दुबई जैसे शहरों के AI आधारित विकास मॉडलों का विश्लेषण।
भारत में AI नीति के अनुरूप यह प्रस्ताव।
7. क्रेडाई का योगदान और भूमिका
निजी क्षेत्र का रणनीतिक सहयोग।
शहरी नियोजन, निर्माण, लॉजिस्टिक और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में विशेषज्ञता।
8. राजा भोज की विरासत से प्रेरणा
नगर नियोजन, जल प्रबंधन और समावेशी संस्कृति में राजा भोज के दृष्टिकोण को आधुनिक संदर्भ में लागू करना।