भोपाल, 15 जुलाई।
विश्वस्तरीय पावर टूल्स और कृषि उपकरण निर्माता कंपनी STIHL द्वारा शुरू की गई ‘एमपी परिवर्तन यात्रा’ मंगलवार को राजधानी भोपाल में एक भव्य समापन समारोह के साथ संपन्न हो गई। इस यात्रा ने मध्यप्रदेश के 35 जिलों में 5100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए, कृषि में मशीनीकरण और तकनीकी जागरूकता का संदेश गांव-गांव तक पहुँचाया।
कार्यक्रम में राज्य की मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर और पूर्व सांसद श्री आलोक संजर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर STIHL के क्षेत्रीय प्रबंधक अनीमेश वाघेला और कंपनी के अधिकृत डीलर भी मौजूद रहे।
आधुनिक खेती की ओर बड़ा कदम
इस परिवर्तन यात्रा के माध्यम से STIHL ने प्रदेश के किसानों को खेती में मशीनीकरण के लाभ, स्मार्ट खेती के उपकरण और उन्नत तकनीकों की जानकारी सीधे उनके गांवों में पहुंचाई। 1500 से अधिक किसानों से सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें आधुनिक यंत्रों का लाइव डेमो, प्रशिक्षण, और तकनीकी सलाह दी गई।
जहाँ कहीं यात्रा पहुँची, वहां किसान मीटिंग्स, सब-डीलर संवाद और क्षेत्रीय प्रदर्शनियों के माध्यम से खेती को आसान और कारगर बनाने के तरीकों पर गहन चर्चा हुई।
महिला किसान भी बनीं तकनीकी बदलाव की भागीदार
कार्यक्रम में श्रीमती कृष्णा गौर ने इस यात्रा को कृषि परिवर्तन का जीवंत उदाहरण बताते हुए कहा कि आज महिलाएं भी मशीनीकरण से जुड़कर खेती को ज्यादा सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही हैं। उन्होंने STIHL की इस पहल को ग्रामीण महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया।
STIHL की प्रतिबद्धता: तकनीक से किसान को जोड़ना
STIHL, जो विश्वभर में पावर टूल्स, ट्रिमर, ब्रश कटर, चेनसॉ और अन्य कृषि उपकरणों के लिए प्रसिद्ध है, ने इस यात्रा के माध्यम से भारत के किसानों के बीच अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और सामाजिक उत्तरदायित्व को साझा किया है।
कंपनी का उद्देश्य था—
खेती को आसान बनाना
उत्पादकता बढ़ाना
श्रम पर निर्भरता घटाना
टिकाऊ और सुरक्षित तकनीकों का प्रसार करना
यात्रा की प्रमुख विशेषताएं
बिंदु
विवरण
कुल दूरी
5100+ किलोमीटर
ज़िले
35
किसान संवाद
1500+ किसान
कार्यक्रम
लाइव डेमो, मीटिंग्स, प्रशिक्षण
मुख्य सहयोग
स्थानीय डीलर, सब-डीलर नेटवर्क
कृषि के भविष्य की दिशा तय करती यात्रा
STIHL की यह परिवर्तन यात्रा महज एक मार्केटिंग पहल नहीं, बल्कि भारतीय कृषि में नवाचार और तकनीकी बदलाव की दिशा में उठाया गया ठोस कदम रही। जहां एक ओर इसने किसानों के बीच जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ाया, वहीं दूसरी ओर यह यात्रा ग्रामीण तकनीकी क्रांति की जमीन तैयार करती नजर आई।
5100 किलोमीटर का यह सफर महज़ दूरी का आंकड़ा नहीं, बल्कि तकनीकी पहुंच, संवाद और विश्वास का पुल साबित हुआ। ‘MP परिवर्तन यात्रा’ ने साबित किया कि जब तकनीक गांव तक जाती है, तो खेती बदलती है और किसान आगे बढ़ता है।
STIHL की यह पहल निश्चित रूप से मध्यप्रदेश के ग्रामीण और कृषि परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव की नींव बनेगी।