Friday, July 18, 2025
Homeराजनीतिजम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने की मांग तेज़, पीएम को खरगे-राहुल ने...

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने की मांग तेज़, पीएम को खरगे-राहुल ने लिखा पत्र

नई दिल्ली 
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संसद के आगामी मॉनसून सत्र में विधेयक लाया जाए। उन्होंने यह मांग भी उठाई कि सरकार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत शामिल करने के लिए भी विधेयक लाए। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोग लगातार पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। यह मांग वैध भी है और उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर आधारित है।” उनका कहना था कि अतीत में केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा दिए जाने के उदाहरण रहे हैं, लेकिन जम्मू -कश्मीर का मामला ऐसा है कि स्वतंत्र भारत में जिसकी कोई मिसाल नहीं है।

उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि यह पहली बार है कि विभाजन के बाद किसी पूर्ण राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं ने कहा, “कई अवसरों पर, आपने व्यक्तिगत रूप से राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में अपने एक साक्षात्कार में आपने कहा: “राज्य का दर्जा बहाल करना एक गंभीर वादा है, जो हमने किया है और हम इस पर कायम हैं।” फिर, 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए आपने इस बात को दोहराया था: “हमने संसद में कहा है कि हम क्षेत्र का राज्य का दर्जा बहाल करेंगे।”

खरगे और राहुल गांधी के अनुसार, केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के मामले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसी तरह का आश्वासन दिया है, जिसमें कहा गया है कि राज्य का दर्जा “जितनी जल्दी हो सके” बहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ” हम सरकार से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद के आगामी मॉनसून सत्र में एक कानून लाने का आग्रह करते हैं।”

कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा, “इसके अतिरिक्त, हम अनुरोध करते हैं कि सरकार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत शामिल करने के लिए कानून लाए। यह लद्दाख के लोगों के अधिकारों, भूमि और पहचान की रक्षा करते हुए उनकी सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को संबोधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।”

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments