Saturday, August 9, 2025
Homeमध्य प्रदेशMP मुख्य सचिव अनुराग जैन की सेवावृद्धि का फैसला जल्द, राजौरा-बर्णवाल अभी...

MP मुख्य सचिव अनुराग जैन की सेवावृद्धि का फैसला जल्द, राजौरा-बर्णवाल अभी कतार में

भोपाल
मुख्य सचिव अनुराग जैन इसी माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्हें सेवावृद्धि मिलेगी या नहीं, इस पर फैसला जल्द होगा। यदि सरकार उन्हें रोकने का निर्णय करती है तो फिर मुख्यमंत्री मोहन यादव की ओर से सेवावृद्धि का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजना होगा, जो अभी तक नहीं गया है। यदि दूसरे विकल्प पर विचार किया जाता है तो फिर सबसे वरिष्ठ अधिकारी अपर मुख्य सचिव जल संसाधन राजेश कुमार राजौरा को अवसर दिया जा सकता है। वह मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव भी रहे हैं और उज्जैन संभाग के प्रभारी हैं।
 
अपर मुख्य सचिव जल संसाधन राजेश कुमार राजौरा
वहीं, 1991 बैच के अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल भी कतार में है। उनकी छवि तेजतर्रार अधिकारियों में होती है। प्रदेश में मोहन यादव सरकार को 1988 बैच की वीरा राणा प्रभारी मुख्य सचिव के तौर पर मिली थीं । 31 मार्च 2024 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था। इसके पहले आठ मार्च को सरकार ने उन्हें छह माह की सेवावृद्धि दिलाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया था, जिसे स्वीकार करते हुए 30 सितंबर 2024 तक सेवावृद्धि मिल गई।
 
इसके बाद आईएएस संवर्ग के सबसे वरिष्ठ अधिकारी 1989 बैच के अनुराग जैन को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लेकर मुख्य सचिव बनाया गया। उनके साथ-साथ अपर मुख्य सचिव राजेश कुमार राजौरा का नाम चर्चा में था, लेकिन अंतिम निर्णय जैन के पक्ष में हुआ। अब एक बार फिर मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर सुगबुगाहट शुरू हुई है। यदि अनुराग जैन की सेवाएं सरकार को आगे भी जारी रखना है तो फिर केंद्र सरकार को प्रस्ताव जल्द भेजना होगा। जैन की छवि ईमानदार और समय से काम कराने वाले अधिकारी की है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के साथ 18 नई औद्योगिक नीतियां भी उनके समय में ही आईं। उन्हें छह माह की सेवावृद्धि मिलती है तो फरवरी 2026 तक ही वह काम कर सकेंगे। यदि सरकार दूसरे विकल्प पर काम करती है तो फिर 1990 बैच के राजेश कुमार राजौरा और 1991 बैच के अशोक बर्णवाल प्रदेश में उपलब्ध अधिकारियों में पहली पसंद होंगे। राजौरा मुख्यमंत्री के साथ काम कर चुके हैं और भरोसे के अधिकारी माने जाते हैं तो बर्णवाल भी निर्विवादित हैं। उनकी छवि तेजतर्रार अधिकारी की है। पर्यावरण अनुमतियों को लेकर विवाद होने के बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने उन्हें ही पर्यावरण विभाग को पटरी पर लाने का जिम्मा सौंपा था। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments