Wednesday, August 13, 2025
Homeब्रेकिंगबैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने हाल ही में भारत में स्पोर्टिंग कल्चर...

बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने हाल ही में भारत में स्पोर्टिंग कल्चर पर खुलकर बात की, मेरा ये शॉट नहीं झेल पाएगा

नई दिल्ली
दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने हाल ही में भारत में स्पोर्टिंग कल्चर पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि देश में क्रिकेट का प्रभुत्व ज्यादा है और बाकी खेलों को उतनी अहमियत नहीं दी जा रही, जितनी मिलनी चाहिए। 2012 लंदन ओलंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साइना का का मानना है कि क्रिकेट की तुलना में बैडमिंटन और टेनिस समेत कई अन्य खेल शारीरिक रूप से ज्यादा कठिन हैं। साइना की यह बात कई क्रिकेट फैंस को बुरी लगी। एक यूजर ने सोशल मीडिया ‘प्लेटफॉर्म’ एक्स पर लिखा था, “देखते हैं कि जब जसप्रीत बुमराह की 150 किलोमीटर रफ्तार की बम्पर गेंद साइना के सिर पर आएगी तो वह क्या करेंगी।” स्टार एथलीट ने बुमराह और उनकी तुलना पर अब रिएक्ट किया है। उन्होंने भारत के धाकड़ तेज गेंदबाज बुमराह को ही चैलेंज दे डाला है।

‘बैडमिंटन हार्ट अटैक जैसी सिचुएशन देखी’
साइना ने शुभंकर मिश्रा के पॉडकास्ट में कहा, ”देखिए, आप क्रिकेट क्या मरने के लिए खेलेंगे। यह मेरा पॉइंट नहीं। हम मरने की बात नहीं कर रहे हैं। आप गेम जीतने-हारने के लिए खेलते हैं। आप गेम अपने देश का मान बढ़ाने के लिए खेलते हैं। बैडमिंटन इसलिए मुश्किल है क्योंकि आप हाथ ऊपर करके स्ट्रोक खेल रहे हैं। हाथ ऊपर करके खेलना बहुत मुश्किल होता है। उसकी वजह से आपकी दिल की धड़कन तेज हो जाती है। मैंने बैडमिंटन में भी हार्ट अटैक जैसी सिचुएशन देखी है। मैं यह नहीं कह रही हूं कि बैडमिंटन ही सबसे ज्यादा टफ गेम है। टेनिस, स्विमिंग का भी मैंने जिक्र किया था। क्या क्रिकेट और फुटबॉल टफ नहीं हैं। लेकिन तुलनात्मक रूप से आप देखें, जब बैटिंग करते हैं तो यह स्किल बेस्ड है। मैंने यह नहीं कहा कि क्रिकेट जीरो फिटनेस पर खेला जा सकता है।

‘बुमराह मेरा स्मैश शॉट नहीं झेल पाएगा?’
उन्होंने आगे कहा, ”आप उस लेवल पर विराट कोहली और रोहित शर्मा नहीं बन पाएंगे। कुछ खिलाड़ी ही विराट और रोहित जैसे बन पाते हैं। क्रिकेट स्किल बेस्ड स्पोर्ट ज्यादा है। रही बात बुमराह की तो मुझे उनके साथ क्यों खेलना है। मुझे मरना थोड़ी है। अगर मैं आठ साल से खेल रही होती तो उनका जवाब देती। अगर बुमराह मेरे साथ बैडमिंटन खेलेगा तो शायद मेरा स्मैश शॉट नहीं ले पाएगा। हम अपने देश में इन चीजों के लिए आपस में ना लड़ें। हर स्पोर्ट अपनी जगह पर बेस्ट है लेकिन मैं यह बोलना चाहती हूं कि दूसरे खेलों को भी अहमियत देनी चाहिए। वरना स्पोर्टिंग कल्चर हम कहां से लाएंगे। हमारा फोकस क्रिकेट और बॉलीवुड पर हमेशा रहेगा बाकी कोई मेडल जीतेगा तो तारीफ करेंगे। लेकिन उसके बाद क्या होगा। क्या हम चार-पांच मेडल पर ही रुक रहेंगे? हमें क्या और मेडल नहीं चाहिए। क्या हम उतने में खुश रहेंगे?”

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments