Allahabad High Court की सख्ती ने इस मामले को एक बार फिर रेखांकित कर दिया है कि सरकारें यदि संवेदनशील मामलों में भी कागज़ों की कमी का बहाना लेकर पीड़ितों को राहत से वंचित करेंगी, तो न्यायालय हस्तक्षेप करने में बिल्कुल पीछे नहीं हटेगा। नाबालिग को ट्रेन हादसे के बाद अपनी जिंदगी दोबारा संभालनी है
