Friday, December 19, 2025
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RBI का बड़ा फैसला: अब हर हफ्ते अपडेट होगा आपका क्रेडिट स्कोर, लोन और ब्याज दरों पर असर

नई दिल्ली.

अगर आप लोन लेना चाहते हैं या EMI भरते हैं तो आरबीआई के नए प्रस्तावित नियम आपके लिए गेमचेंजर साबित होंगे. अभी तक क्रेडिट स्कोर महीने में सिर्फ दो बार अपडेट होता था, लेकिन अप्रैल 2026 से यह हर 7 दिन में अपडेट हो सकता है. इससे आपका क्रेडिट प्रोफाइल (Credit Profile), लोन ब्याज (Loan Interest Rate) और क्रेडिट कार्ड लिमिट (Credit Card Limit) सबकुछ तेजी से बदल सकेगा.

 भारत में क्रेडिट स्कोर से जुड़ी व्यवस्था जल्द ही बड़े बदलाव से गुजरने वाली है. RBI ने एक महत्वपूर्ण मसौदा जारी किया है, जिसके तहत अब क्रेडिट स्कोर हर हफ्ते अपडेट किया जाएगा. अभी स्कोर महीने में दो बार अपडेट होता है, लेकिन अप्रैल 2026 से यह प्रक्रिया और तेज हो जाएगी. इससे न सिर्फ उधारकर्ताओं के लिए लोन और क्रेडिट कार्ड लेना आसान होगा, बल्कि बैंकों को भी अधिक सटीक और अप-टू-डेट डेटा मिलेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव भारतीय क्रेडिट इकोसिस्टम को पहले से अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाएगा.

आरबीआई की नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस (RBI Draft Directions) के मुताबिक अब क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां महीने में 5 दिन अपडेट जारी करेंगी. यानी अगर किसी ने बकाया क्लीयर किया, क्रेडिट कार्ड बंद किया, EMI चुकाई या रिपेमेंट हिस्ट्री सुधरी, तो इसका असर उसी हफ्ते क्रेडिट स्कोर (Credit Score Update) में दिखने लगेगा. इससे लाखों उधारकर्ताओं को तेज मंजूरी, कम ब्याज और ज्यादा पारदर्शिता मिलेगी.

अब महीने भर नहीं, हर हफ्ते रिफ्रेश होगा आपका क्रेडिट डेटा
RBI के Credit Information Reporting Amendment, 2025 के मसौदे के अनुसार, CRIF High Mark जैसी Credit Information Companies (CICs) को हर महीने की 7, 14, 21, 28 तारीख और माह के अंतिम दिन डेटा रिफ्रेश करना होगा. चाहें तो बैंक और NBFC के साथ समझौते की स्थिति में इससे ज्यादा बार भी अपडेट किया जा सकता है. बैंकों को महीने के अंत का पूरा डेटा तीन दिनों में भेजना होगा और हर साप्ताहिक अपडेट के लिए केवल नया या बदला हुआ डेटा दो दिनों के भीतर जमा करना होगा. इसमें नए खाते, बंद खाते, रिपेमेंट अपडेट, डेमोग्राफिक बदलाव और SMA जैसी क्लासिफिकेशन की सारी जानकारी शामिल होगी. समय सीमा का पालन न करने पर CICs को RBI के DAKSH पोर्टल पर रिपोर्ट करना होगा.

तेज अपडेट से उधारकर्ताओं को तुरंत मिलेगा फायदा
इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर उधारकर्ताओं यानी Borrowers पर पड़ेगा. अभी तक क्रेडिट स्कोर में सुधार दिखने में दो हफ्ते से ज्यादा लग जाते थे, लेकिन अब साप्ताहिक अपडेट से यह सुधार जल्दी नजर आने लगेगा. कोई कर्ज चुकाया, क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरा या कोई गलती सुधारी- इनका असर स्कोर में तेजी से झलकेगा. इससे लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ेगी और ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं क्योंकि कई बैंक स्कोर-आधारित प्राइसिंग अपनाते हैं. वहीं, गलत रिपोर्टिंग या डेटा मिसमैच जैसी समस्याएं भी जल्दी पकड़ में आएंगी, जिससे विवादों और शिकायतों में कमी आ सकती है.

बैंकों को मिलेगा नया टूल, जोखिम आंकना होगा आसान
साप्ताहिक रिपोर्टिंग से बैंकों को भी बड़ा लाभ मिलेगा क्योंकि उन्हें ताजा और सटीक उधारकर्ता डेटा मिल सकेगा. इससे बैंक बेहतर Underwriting कर पाएंगे, यानी कौन-सा ग्राहक कितना जोखिम वाला है, इसका मूल्यांकन अधिक भरोसेमंद ढंग से हो सकेगा. नए डेटा से बैंक लोन की ब्याज दर, राशि और अवधि जैसे तत्वों को अधिक प्रभावी ढंग से तय कर सकेंगे. इसके अलावा ऋण गुणवत्ता पर भी बेहतर निगरानी रख पाएंगे. RBI का यह कदम भारतीय क्रेडिट सिस्टम को वास्तविक समय डेटा की दिशा में आगे बढ़ाता है, जिससे भविष्य में Daily या Real-Time Updates भी संभव हो सकते हैं.

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