Monday, May 5, 2025
Homeराजनीतिचुनाव आयोग केजरीवाल के यमुना में जहर वाले पानी के जवाब से...

चुनाव आयोग केजरीवाल के यमुना में जहर वाले पानी के जवाब से संतुष्ट नहीं 

नई दिल्ली। यमुना में जहर मिलाए जाने के दावे पर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल घिर गए हैं। एक तरफ उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है तो दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने भी केजरीवाल के जवाब से संतुष्ट नहीं है। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को सबूतों के साथ जवाब देने के लिए कहा है। चुनाव आयोग ने उनसे पांच सवाल भी किए हैं। उन्हें 31 जनवरी सुबह 11 बजे तक इन सवालों का जवाब देना है।
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया था कि हरियाणा की बीजेपी सरकार ने यमुना के पानी में जहर मिला दिया था। उन्होंने कहा कि यदि इस पानी को दिल्ली जल बोर्ड के इंजनीयर्स ने नहीं रोका होता तो नरसंहार हो जाता। बीजेपी की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने केजरीवाल से जवाब मांगा। केजरीवाल के जवाब के बाद चुनाव आयोग ने एक बार फिर उनसे सवाल पूछे हैं।
चुनाव आयोग ने केजरीवाल के जवाब पढ़ने के बाद कहा कि वह यमुना में अमोनिया बढ़ने के मुद्दे को नदी में जहर मिलाए जाने के अपने आरोप के साथ ना मिलाएं। आयोग ने कहा कि आपने अपने जवाब के साथ तथ्य और सबूत पेश नहीं किए हैं। यमुना में अमोनिया के ज्यादा स्तर के जरिए अपने बयान को उचित ठहराने की कोशिश की है। आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनके आरोप समूहों के बीच दुश्मनी और अव्यवस्था फैलाने वाले हैं।
आयोग ने कहा है कि उनके जैसी शख्सियत के व्यक्ति को ऐसे बयानों के दुष्प्रभाव बताने की जरुरत नहीं है। केजरीवाल को एक और मौका देते हुए उनसे सवाल पूछे गए हैं। इन सवालों में हरियाणा सरकार की ओर से यमुना नदी में किस प्रकार का जहर मिलाया गया? मात्रा और प्रकृति, जहर का पता लगाए जाने के तरीके को लेकर सबूत दें, जिससे पता चले कि नरसंहार हो सकता था। किस जगह पर जहर मिला? दिल्ली जल बोर्ड के किन इंजीनियर्स ने कहां और कैसे इसका पता लगाया? दिल्ली में पानी को घुसने से रोकने के लिए इंजीनियर्स ने क्या तरीका अपनाया?
अरविंद केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि उनकी टिप्पणी शहर में पेयजल की गुणवत्ता को लेकर उत्पन्न तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में थी। 14 पन्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा से मिले कच्चे पानी में अमोनिया का स्तर इतना ज्यादा है कि दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट इसे इंसानों के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित और स्वीकार्य सीमा तक कम करने में असमर्थ हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments