Saturday, May 10, 2025
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कारगिल युद्ध के बाद एक बार फिर बोफोर्स की विरासत भारतीय सेना के लिए सुरक्षा कवच बनकर सामने आई

इस्लामाबाद
कारगिल युद्ध के बाद एक बार फिर बोफोर्स की विरासत भारतीय सेना के लिए सुरक्षा कवच बनकर सामने आई है। लेकिन इस बार बोफोर्स की चर्चित तोपों की जगह उसका विकसित किया गया आधुनिक संस्करण L-70 गन, पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चे पर दिखा। एल-70 ने बीती रात पाकिस्तान द्वारा दागे गए करीब 50 ड्रोन और लूटर हथियारों को मार गिराकर एक बार फिर साबित कर दिया कि यह ड्रोन के दौर में भारत की नई ढाल है। भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का करारा जवाब देते हुए एल-70 गन, ZSU-23mm शिल्का सिस्टम और अन्य एडवांस एयर डिफेंस हथियारों से पाकिस्तान के करीब 50 ड्रोन और लूटर हथियारों को आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान ने इन हमलों के दौरान हमास की रणनीति अपनाते हुए सस्ते और कम विध्वंसक ड्रोन का उपयोग किया ताकि भारत एस-400 जैसे महंगे सिस्टम की मिसाइलें खर्च करे।

लेकिन भारत ने इसकी काट पहले ही तैयार कर रखी थी एल-70 गन। इसे फ्रंटलाइन पर भेजकर भारतीय सेना ने बेहद कम लागत में बड़ी संख्या में ड्रोन को गिरा दिया, जिससे दुश्मन की रणनीति विफल हो गई।एल-70 तोप मूल रूप से स्वीडन की बोफोर्स कंपनी द्वारा डिजाइन की गई थी, लेकिन अब इसका उत्पादन भारत में लाइसेंस के तहत हो रहा है। 40 मिमी की यह गन अब पूरी तरह आधुनिक हो चुकी है। इसमें रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर, ऑटोमैटिक ट्रैकिंग सिस्टम, थर्मल और डे कैमरा जैसे अत्याधुनिक उपकरण जुड़ चुके हैं। यह गन प्रति मिनट 240 से 330 राउंड फायर कर सकती है, जिससे यह ड्रोन के झुंड को बेहद कम समय में ध्वस्त करने में सक्षम है। यही नहीं, इसे इस तरह अपग्रेड किया गया है कि यह दुश्मन के रडार को चकमा भी दे सकती है। एल-70 में 2017 के बाद कई अत्याधुनिक बदलाव किए गए।  इन अपग्रेड्स की वजह से यह गन अब ड्रोन हमलों से निपटने में और भी अधिक सक्षम हो गई है।

इनमें शामिल हैं:
 डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम
 ऑटो टारगेट ट्रैकिंग रडार
 नाइट फायरिंग क्षमता
 मैनलेस ऑपरेशन यानी बिना सैनिक के चलने वाला सिस्टम
 
पाकिस्तान की रणनीति नाकाम

भारतीय सेना ने पाकिस्तान की उस रणनीति को भी विफल कर दिया, जिसमें वह हमास की तरह कम लागत वाले लेकिन बड़ी संख्या में ड्रोन भेजकर भारत की एयर डिफेंस लागत बढ़ाना चाहता था। भारत ने सटीक और कम लागत वाले एल-70 जैसे हथियारों से जवाब देकर यह संदेश दे दिया कि वह हर मोर्चे पर तैयार है। एल-70 गन का यह प्रदर्शन बताता है कि भारत सिर्फ महंगे हथियारों पर निर्भर नहीं है, बल्कि उसने समय रहते रणनीतिक और तकनीकी तैयारी कर रखी है ताकि हर प्रकार के खतरे का सटीक जवाब दिया जा सके। एल-70 अब सिर्फ एक तोप नहीं, बल्कि ड्रोन युग में भारत की नई ढाल है। यह न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि किसी भी संभावित खतरे के खिलाफ भारत की एयर डिफेंस क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले गया है।

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