Tuesday, May 20, 2025
Homeमध्य प्रदेशकांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा के भाई ने टीटी नगर थाने में पूर्व...

कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा के भाई ने टीटी नगर थाने में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

भोपाल

कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की मौत के मामले में उनके भाई अनुराग मिश्रा ने थाने में शिकायत की है. अनुराग मिश्रा ने 28 साल बाद भोपाल के टीटी नगर थाने पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह समेत कई लोगों के खिलाफ शिकायत की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरला की मौत हत्या थी, जिसके अधिकारियों की मिलीभगत से आत्महत्या दिखाया गया. फरवरी 1997 में सरला मिश्रा की भोपाल के टीटी नगर स्थित आवास में जलने से मौत हो गई थी. अनुराग ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

फरवरी 1997 में सरला मिश्रा की भोपाल के टीटी नगर स्थित आवास में जलने से मौत हो गई थी। करीब 1 महीने पहले कोर्ट में पुलिस ने इस मामले में खात्मा रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। कोर्ट ने रिपोर्ट में गंभीर खामियां पाते हुए इसे खारिज कर दिया और दोबारा जांच के आदेश दे दिए थे।

अनुराग मिश्रा ने कहा कि, कोर्ट ने बहन सरला मिश्र की मौत के मामले में जो आदेश दिया है, उसके तहत ही शिकायत दर्ज कराई है। यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि यह हत्या थी, जिसे आत्महत्या में बदल दिया गया।

इस मामले को बदलने वालों में तत्कालीन टी.आई. एस.एम. जेडी, डॉ. सत्यपति, डॉ. योगीराज शर्मा, महेंद्र सिंह करचुरी और अन्य शासकीय कर्मचारी व अधिकारी शामिल हैं। इन सभी की जांच होनी चाहिए। इसके अलावा, जिनके कारण यह केस दबाया गया, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनके भाई लक्ष्मण सिंह और राजनीतिक लोगों की भी जांच होनी चाहिए।

कोर्ट ने कहा- पुलिस जांच में कई गंभीर खामियां

17 अप्रैल को भोपाल कोर्ट की न्यायाधीश पलक राय ने अपने आदेश में कहा कि मृतका के मृत्यु पूर्व बयान की मेडिकल पुष्टि नहीं की गई। बयान के समर्थन में जो कागज के टुकड़े मिले, उनकी भी स्वतंत्र जांच नहीं कराई गई। घटनास्थल से कोई फिंगर प्रिंट भी नहीं लिया गया। परिवार ने इसे हत्या बताया था और कुछ नेताओं पर आरोप भी लगाए थे।

साल 2000 में पुलिस ने केस की फाइल बंद कर दी थी। खात्मा रिपोर्ट अगले 19 वर्ष तक कोर्ट में पेश नहीं की गई। फरवरी 2025 में हाईकोर्ट ने आदेश दिए कि पहले खात्मा रिपोर्ट में बयान दर्ज हों और फिर कार्रवाई की जाए। इसके बाद भोपाल कोर्ट में सुनवाई चली और अनुराग के बयान दर्ज हुए।

टीआई बोले- वैधानिक कार्रवाई करेंगे

टीटी नगर थाना टीआई मानसिंह ने बताया कि कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने एक आवेदन दिया है, जिसमें कोर्ट का आदेश भी लगा हुआ है। इस मामले में पुनः जांच के लिए आवेदन दिया गया है इसमें विवेचना अधिकारी टी.आई. एस.एम. जेडी, डॉ. सत्यपति, डॉ. योगीराज शर्मा, महेंद्र सिंह करचुरी समेत अन्य के नाम शामिल है। इस मामले में जांच के बाद जो भी वैधानिक कार्रवाई होगी की जाएगी।

भाई ने कहा- हत्या हुई, पुलिस ने माना सुसाइड

कोर्ट के आदेश के बाद अनुराग मिश्रा ने बताया था- हम शुरू से कहते आ रहे हैं कि उनकी हत्या हुई है। पुलिस ने संदिग्ध स्थिति में जला मानकर 309 में केस दर्ज कर लिया और कहा था कि इन्होंने आत्महत्या की है।

हम उसी समय के जांच अधिकारी से कहते रहे कि इसमें हत्या हुई है। हमनें लिखकर दिया फिर भी उसकी जांच नहीं हुई। घटनास्थल पर सबसे पहले मेरे माता-पिता पहुंचे थे। उन्हें घटना वाले मकान से बाहर करके ताला लगा दिया था। पुलिस ने माता-पिता और मेरी एक और सगी बड़ी बहन के बयान नहीं लिए।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से झगड़ा हुआ था

सरला के भाई अनुराग मिश्रा ने कहा था कि मेरी बड़ी बहन कांग्रेस की सक्रिय नेता थीं। उनका दस जनपथ पर सोनिया गांधी के घर पर आना-जाना था। उनकी मौत जिन परिस्थितियों में हुई उसमें कई ऐसे तथ्य हैं जो यह बताते हैं कि उनकी हत्या हुई थी, लेकिन पुलिस ने उस वक्त नेताओं को बचाने के लिए 2000 में खात्मा लगा दिया था।

भाई ने आरोप लगाया कि मेरी बहन की हत्या हुई है। उनका तत्कालीन सीएम से झगड़ा हुआ था। जिस समय खात्मा लगाया गया था उस समय दिग्विजय सिंह की सरकार थी। 19 साल बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आई तो रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई।

‘कोर्ट के आदेश के तहत ही शिकायत दर्ज करवाई‘

सरला मिश्रा की मौत के मामले में पुलिस ने करीब एक महीने पहले कोर्ट में मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी. लेकिन कोर्ट ने रिपोर्ट में कई खामियां पाई थी और रिपोर्ट को खारिज करते हुए फिर से जांच के आदेश दिए थे. अनुराग मिश्रा ने बताया कि कोर्ट के आदेश के आधार पर ही टीटी नगर थाने में शिकायत की है.

‘दिग्विजय सिंह और उनके भाई की जांच हो’

अनुराग मिश्रा ने आरोप लगाया कि हत्या के मामले को आत्महत्या में बदलने वालों में तत्कालीन TI एस एम जेडी, डॉ सत्यपति, डॉ योगीराज शर्मा, महेंद्र सिंह करचुरी और अन्य सरकारी अधिकारी शामिल हैं. इन सभी लोगों की जांच होनी चाहिए. इसके अलावा केस को दबाने में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके भाई लक्ष्मण सिंह की भी जांच होनी चाहिए.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments