Friday, May 23, 2025
Homeमध्य प्रदेशसीएम डॉ. मोहन यादव ने एमपी में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए...

सीएम डॉ. मोहन यादव ने एमपी में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए दो कंजर्वेशन रिजर्व बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

भोपाल
मध्य प्रदेश के वन विहार या फिर इंदौर के जू में जल्द ही लोग गैंडे, जिराफ और जेब्रा का दीदार कर सकेंगे. वन विभाग जल्द ही बोत्सवाना से जिराफ और जेब्रा लाने के लिए प्रक्रिया शुरू करेगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई स्टेट वाइल्फ लाइफ बोर्ड की बैठक में इस पर सहमति बन गई है. इसी तरह असम के काजीरंगा नेशनल पार्क से वन भैंसा और गैंडे लाए जाएंगे. इन्हें भोपाल के वन विहार या फिर इंदौर के जू में रखा जाएगा. बैठक में प्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए दो कंजर्वेशन रिजर्व बनाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है.

बैतूल और बालाघाट में बनेंगे कंजर्वेशन रिजर्व

मध्य प्रदेश में टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क के बाद अब कंजर्वेशन रिजर्व बनाए जा रहे हैं. सरकार ने प्रदेश के बैतूल में ताप्ती और बालाघाट के सोनेवानी कंजर्वेशन रिजर्व बनाए जाने को सहमति दे दी है. वन विभाग की वन्यप्राणी शाखा ने तीन कंजर्वेशन रिजर्व बनाए जाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन राघौगढ़ में बनने वाले कंजर्वेशन रिजर्व पर फिलहाल फैसला नहीं हो पाया है.

इसी तरह इंदौर के आसपास मौजूद वन्य क्षेत्र में अहिल्याबाई सेंचुरी और हरदा में बनने वाले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सेंचुरी पर भी निर्णय नहीं हो सका है. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के वंतारा चिड़ियाघर से संपर्क कर मध्य प्रदेश के चिड़ियाघरों में बेहतर इंतजाम किए जाएं और ऐसे वन्यजीवों को यहां लाया जाए जो अभी प्रदेश के चिड़ियाघरों में नहीं हैं.

कंजर्वेशन रिजर्व किस तरह अलग होगा

राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य के मुकाबले कंजर्वेशन रिजर्व छोटे होते हैं. कंजर्वेशन रिजर्व में वन संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम ही लागू होगा. इसके चलते यहां कटाई, चराई और शिकार पर तो पूरी तरह रोक रहेगी, लेकिन स्थानीय लोगों को कुछ छूट दी जाएगी. इसके लिए अलग से संचालन समिति का गठन किया जाएगा. समिति में स्थानीय लोग और वन विभाग के अधिकारी रहेंगे.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments