Sunday, June 22, 2025
Homeमध्य प्रदेशपुराने जल स्रोतों को संवारना और पौधे लगाना जरूरी तभी आगामी पीढ़ी...

पुराने जल स्रोतों को संवारना और पौधे लगाना जरूरी तभी आगामी पीढ़ी के लिए होगा पर्याप्त जल : मंत्री पटेल

सिंध एवं सगड़ नदी के उद्गम स्थल पर की पूजन अर्चना
विदिशा जिले के लटेरी में जल गंगा संवर्धन अभियान कार्यक्रम में शामिल हुए

भोपाल 
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल शनिवार को विदिशा जिले की लटेरी तहसील के गोपीतलई में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने सिंध एवं सगड़ नदी के उद्गम स्थल पर पूजन अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ किया।

मंत्री श्री पटेल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने ने जल स्रोतों को संवारने व उनके जीर्णोद्धार और पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से इस वर्ष जल गंगा संवर्धन अभियान की क्रियान्वयन अवधि 3 माह तक संचालित की है जो जल संरक्षण की दिशा में प्रशंसनीय है।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि इस वर्ष मैने प्रदेश के कुल 79 उद्गम स्थलों का निरीक्षण किया है। जल स्रोतों को संवारने व पानी की उपलब्धता आगामी पीढ़ी को सुनिश्चित हो उसके लिए आज हमें जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के माध्यम से पुराने जल स्रोतों को संवारने, पुनर्जीवन और नए निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे आगामी पीढ़ी को पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। मंत्री ने कहा कि जल स्रोतों की चिंता करनी होगी साथ-साथ उन्हें जिंदा रखना हमारी जिम्मेदारी होगी। पिछले कुछ सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में जो जल स्रोत थे वह समाप्त हुए हैं उसकी क्या वजह रही है उसे जानने की आवश्यकता है और उन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता भी है।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान का सिद्धांत है कि नए स्रोत तैयार करें और पुराने जल स्रोतों को भी संवारें। वर्तमान की स्थिति में धरती का जल स्तर नीचे जा रहा है इसलिए हमें जल स्रोतों को संवारना होगा। उन्होंने कहा कि बड़ी नदियां तब बनेगी जब हम छोटी नदियों को बारहमासी बनाएंगे। साथ ही उन्होंने पौधारोपण पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें जल संरक्षण के साथ पौधे लगाने की भी आवश्यकता है इसलिए हमें पौधे लगाना तो है साथ ही उन्हें वट वृक्ष बन बनने तक संरक्षण का कार्य भी करना है। हम पांच सात वर्षों तक निरंतर इसी प्रकार से कार्य करेंगे तो निश्चित तौर पर जल स्रोतों को तैयार कर सकेंगे और हमारी आगामी पीढ़ी को पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो सकेगा और आने वाले वर्षों में जल संकट जैसी स्थिति निर्मित नहीं होगी।

मंत्री श्री पटेल ने जल संरक्षण की दिशा में बासौदा की पाराशरी नदी के लिए किये जा रहे कार्यों का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि पाराशरी नदी में 5 किलोमीटर तक का कार्य किया जा रहा है, जो क्षेत्र के लिए बड़े स्तर पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि,अधिकारी, कर्मचारी और नागरिक बंधु मौजूद रहे।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments