Saturday, May 24, 2025
Homeमध्य प्रदेशमुख्यमंत्री डॉ. यादव देवी अहिल्याबाई होलकर महानाट्य मंचन में हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव देवी अहिल्याबाई होलकर महानाट्य मंचन में हुए शामिल

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह हम सब का सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश की ऐसी महान शासिका देवी अहिल्याबाई के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को नाट्य मंचन के माध्यम से परिचित होने का अवसर मिल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को कालिदास संस्कृत अकादमी के पण्डित सुर्यनारायण व्यास संकुल सभा गृह में देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती वर्ष के अवसर पर अहिल्या बाई होलकर महानाटय – जीवन, अवदान और वैभव का गान के मंचन कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने डॉ. साधना बलवटे की लिखी पुस्तक ‘’अहिल्या रूपेण संस्थिता’’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, विधायक अनिल जैन कालुहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, संजय अग्रवाल, संस्कार भारती के सह कोषाअध्यक्ष श्रीपाद जोशी, विशाल राजोरिया, जगदीश अग्रवाल, देवी अहिल्या बाई जयंती समारोह के जिला संयोजक उमेश सेंगर, जगदीश पांचाल एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

अतिथियों द्वारा मां सरस्वती और देवी अहिल्या बाई के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संस्कृति संचलनालय के संचालक एन.पी. नामदेव और कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक ड़ॉ. गोविंद गंधे ने अतिथियों का स्वागत किया।

केन्द्र और राज्य सरकार देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती वर्ष के दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करा रही हैं। देवी अहिल्याबाई ऐसी बेटी थीं, जो विवाह के बाद सास-ससुर की भी बेटी ही बन कर रहीं। बचपन में देवी अहिल्याबाई ने बाजीराव जी की सवारी निकलने पर अपने स्थान से हटने से मना कर दिया था, क्योंकि वे उस समय भगवान शिव की पूजा कर रही थीं, यह प्रसंग उनके साहस को दर्शाता है। देवी अहिल्या बाई सदगुणों की खान थीं। उन्हें शास्त्रों के साथ शस्त्रों की भी शिक्षा प्रदान की गई थी। पति द्वारा युद्ध में जीती गई धन राशि को उन्होनें शासकीय खजाने में जमा करने के लिए कहा था, जो कि उनकी उदारता को दर्शाता है।

देवी अहिल्याबाई ने प्राचीन सोमनाथ मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। उन्होंने सनातन धर्म की ध्वजा को धारण करके एक आदर्श जीवन जिया है, जो सबके लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कष्ट सहकर भी सुशासन की मिसाल पेश की। देवी अहिल्याबाई ने आमजन के लिये रोजगार के अवसर और उनकी बेहतरी के लिए महेश्वर में दक्षिण भारत के कारीगर बुलाकर हाथ से बुनी हुई साड़ी बुनने की कला से स्थानीय लोगों को परिचित करवाया। आज महेश्वर की साडि़यां विश्व भर में प्रसिद्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन ने महेश्वर और इन्दौर के राजवाड़ा में कैबिनेट बैठक का आयोजन देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में ही किया है। उन्होंने कहा कि आगामी 31 मई को शासन द्वारा भोपाल में नारी सशक्तिकरण पर आधारित कार्यक्रम का भव्य स्तर पर आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपनी ओर सभी कलाकारों को शुभकामनाएं दीं और उनका सम्मान किया। मुख्यमंत्री निधि से कलाकारों को 5 लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की भी घोषणा की गई।

कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष के अवसर पर प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों में देवी अहिल्या बाई पर केंद्रित नाटयों का मंचन किया जा रहा है। कालिदास संस्कृत अकादमी में महानाट्य की प्रस्तुति नागपुर के कलाकारों द्वारा सुप्रियंका ठाकुर के निर्देशन में दी गई।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments