नई दिल्ली
संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है. विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर ली है, जिनमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पाकिस्तान के साथ सीजफायर कराने के दावे और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) सबसे प्रमुख हैं.
सरकार ने कहा है कि वह ऑपरेशन सिंदूर सहित सभी अहम मुद्दों पर चर्चा को तैयार है, लेकिन विपक्ष का जोर 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले पर रहेगा, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी और जिसे लेकर सरकार पर ‘चूक’ के आरोप लगाए जा रहे हैं.
17 विधेयक पेश करेगी सरकार
इस सत्र में, जो 21 अगस्त को समाप्त होगा, सरकार 17 विधेयकों को पेश करने की योजना बना रही है. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने संबंधी विधेयक की मांग कर रही है, लेकिन सरकार के सहयोग की संभावना कम दिख रही है.
कांग्रेस सांसदों ने दिए नोटिस
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने शून्यकाल को स्थगित कर पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है.
वहीं, सांसद मणिकम टैगोर ने पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और डोनाल्ड ट्रंप के विवादित बयान को लेकर अलग से नोटिस दिया है.
प्रधानमंत्री का बयान और विपक्ष की मांगें
सत्र की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया को संबोधित कर सरकार के एजेंडे और प्राथमिकताओं को बताते हुए करेंगे. यह संसद का पहला सत्र होगा जो पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रहा है, लिहाजा ये मुद्दे कार्यवाही में हावी रहने की संभावना है.
सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने पीएम मोदी से ट्रंप के दावों, पहलगाम हमले में कथित चूक और बिहार में SIR (Special Intensive Revision) को लेकर जवाब मांगा.
एअर इंडिया हादसा और विमान सुरक्षा
विपक्ष एक और बड़ा मुद्दा उठाने जा रहा है- अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया हादसे का, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी. अमेरिकी रिपोर्ट्स में हादसे के लिए पायलटों को दोषी ठहराया गया है, ऐसे में सरकार से विस्तृत जवाब की मांग की जाएगी. हालांकि सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री की ओर से इन विवादित मुद्दों पर सीधे तौर पर जवाब देने की संभावना नहीं है.
सरकार की रणनीति और एक संभावित सर्वसम्मति
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है और किसी मुद्दे से भागने वाली नहीं है. हालांकि, ट्रंप के दावों पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. सरकार का फोकस पाकिस्तान के साथ टकराव के दौरान हासिल उपलब्धियों और उसके बाद हुई सर्वदलीय विदेश यात्राओं को उजागर करने पर रहेगा. मॉनसून सत्र के दौरान कुल 21 बैठकें होंगी, जो 32 दिनों की अवधि में आयोजित की जाएंगी.