Friday, August 8, 2025
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एलएनसीटी एंड एस भोपाल में तीन दिवसीय अटल अकादमी प्रशिक्षण कार्यक्रम

 भोपाल। लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एलएनसीटी एंड एस), भोपाल में 4 अगस्त से 6 अगस्त 2025 तक तीन दिवसीय एआईसीटीई अटल अकादमी प्रशिक्षण और शिक्षण कार्यक्रम (ATAL FDP) का आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम एआईसीटीई – अटल अकादमी के “वाणी” उपक्रम के अंतर्गत हिंदी भाषा में आयोजित किया जा रहा है, जिसका विषय है:
“अगली पीढ़ी के संचार के लिए एंटीना और आरएफ डिजाइन में उभरते रुझान”
इसका आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग, एलएनसीटी एंड एस द्वारा किया जा रहा है।

यह कार्यक्रम न केवल तकनीकी विषयों पर अद्यतन ज्ञान देने का माध्यम बनेगा, बल्कि इसमें देशभर के तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और उद्योगजगत के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

मुख्य वक्ता और विशेषज्ञ

इस प्रतिष्ठित प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न संस्थानों से विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे, जिनमें शामिल हैं:

डॉ. सुमित गौतम, IIT इंदौर

प्रो. रंजन बाला जैन, मुंबई विश्वविद्यालय

राजकुमार मालवीय, ATMS, अहमदाबाद

डॉ. रिंकी चोपड़ा, IIT इंदौर

प्रो. पिंकू रंजन, IT-AVM, ग्वालियर

प्रो. लोलित कुमार सिंह, NIT मणिपुर

प्रो. बालमुकुंद झा, BEL, गाजियाबाद

प्रो. एल. डी. मालवीय, SGSITS, इंदौर

अभिज्ञानम गिरी, इंडस्ट्री-इंडियाज प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल

प्रो. अकाल सुब्बा राव, MANIT, भोपाल

प्रो. के.टी. चतुर्वेदी, UIT RGPV, भोपाल

कार्यक्रम के संरक्षक और आयोजक:

कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक हैं –
श्री जे. एन. चौकसे, माननीय चांसलर, एलएनसीटी यूनिवर्सिटी एवं अध्यक्ष, एलएनसीटी ग्रुप भोपाल।
संरक्षक के रूप में –
श्रीमती पूनम चौकसे, चांसलर, एलएनसीटीवी यूनिवर्सिटी एवं वाइस चेयरपर्सन, एलएनसीटी ग्रुप भोपाल
डॉ. अनुपम चौकसे, प्रो-चांसलर, एलएनसीटी यूनिवर्सिटी एवं सचिव, एलएनसीटी ग्रुप भोपाल

कार्यक्रम सलाहकार एवं संयोजन

सलाहकार मंडल में शामिल हैं:

डॉ. अशोक राय, निदेशक (प्रशासन), एलएनसीटी ग्रुप

डॉ. वी.एन. बरतारिया, प्राचार्य, एलएनसीटी एंड एस

डॉ. अमितबोध उपाध्याय, OSD, एलएनसीटीएस

कार्यक्रम के संयोजक हैं: डॉ. अभिनव भार्गव
एवं सह-संयोजक हैं: प्रो. निकेतन मिश्रा

यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम तकनीकी शिक्षकों को अनुसंधान, नवाचार एवं संचार तकनीकों के आधुनिक पहलुओं से अवगत कराएगा। इसके माध्यम से देश की तकनीकी शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और व्यावहारिक ज्ञान का समावेश सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।
यह आयोजन तकनीकी क्षेत्र में हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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