भोपाल
मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादास्पद बयान दिया था, जिसे लेकर देश में लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले का संज्ञान लिया और मंत्री से माफी मांगने को कहा है।
पाकिस्तानी चैनल्स से फैलाया जा रहा नफरती एजेंडा
इस बीच पाकिस्तान ने मंत्री विजय शाह के बयान को एक टूल का तरह इस्तेमाल कर प्रोपेगैंडा चलाने का काम किया है। पाकिस्तान के सरकारी चैनल पीटीवी ने इस बयान को भारत में मुस्लिम के प्रति कथित नफरत के प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत किया है।
पाकिस्तान के चैनल्स ने एक प्रोपेगैंडा के तहत विजय शाह के बयान को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है और पीटीवी के अलावा जीओ न्यूज, द डैली जंग सहित कई पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स ने इस बयान पर खबरें प्रकाशित कर दुनिया में मुस्लिम समुदाय में भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की है।
पीटीवी का प्रोपेगैंडा
पीटीवी ने बुधवार देर रात प्रसारित अपने प्राइम टाइम कार्यक्रम में कहा है, “भारत के हिन्दू बीजेपी के सीनियर नेता विजय शाह ने एक वफादार मुस्लिम महिला अफसर को दहशतगर्दों की कतार में खड़ा कर दिया है। मोदी के भारत में मुस्लिम के प्रति नफरत इस हद तक बढ़ चुकी है कि अब सेना के उच्च अधिकारी और महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं।”
पीटीवी, जीओ न्यूज और जंग टीवी ने आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों को मुख्यधारा से बाहर धकेला जा रहा है और अब जो लोग सेना जैसी संस्थाओं में भी अपनी सेवा दे रहे हैं, उन्हें संदेह की नजर से देखा जा रहा है।
पाकिस्तान द्वारा कर्नल सोफिया के बहाने भारत की छवि को ‘अल्पसंख्यक विरोधी राष्ट्र’ के रूप में प्रचारित करने की कोशिश की जा रही है। सिर्फ पाकिस्तानी टीवी चैनल्स ही नहीं, पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स से भी इस मुद्दे को लेकर नफरती एजेंडे और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार को तेज कर दिया गया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे प्रोपेगैंडा को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान अब सिर्फ विवादित बयान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पाकिस्तान द्वारा इसे भारत की धार्मिक समरसता और लोकतांत्रिक छवि के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बनाने की कोशिश है।
राजनीतिक और कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि एमपी के मंत्री का यह बयान ने पाकिस्तान और अन्य विरोधी ताकतों को भारत पर हमला करने का अवसर दे दिया है।
हालांकि, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने स्वत:संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। लेकिन, न तो भाजपा और न ही मध्यप्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की है।
ठोस कार्रवाई नहीं होने से आग में घी पड़ रहा
विशेषज्ञ मानते हैं कि अब यह मामला केवल एक विवादित बयान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पाकिस्तान द्वारा इसे भारत की धार्मिक समरसता और लोकतांत्रिक छवि के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा बनाने की कोशिश है।
राजनीतिक और कूटनीतिक गलियारों में यह चिंता बढ़ रही है कि मंत्री शाह की टिप्पणी ने पाकिस्तान और अन्य विरोधी ताकतों को भारत पर हमला करने का अवसर दे दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, लेकिन न तो भाजपा नेतृत्व और न ही मध्य प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई की है। इससे मामला लगातार गरमाता जा रहा है और पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक और बहाना मिल गया है।