Saturday, August 2, 2025
Homeमध्य प्रदेशइंदौर में हरियाली का बड़ा प्लान: 50 करोड़ से बनेंगे नए गार्डन

इंदौर में हरियाली का बड़ा प्लान: 50 करोड़ से बनेंगे नए गार्डन

इंदौर 

इंदौर विकास प्राधिकरण ने शहर को हरा-भरा बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। प्राधिकरण दो दर्जन नए गार्डनों को विकसित करने जा रहा है, जिस पर लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बीते साल भी हरियाली महोत्सव और एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियानों के तहत ग्रीन बेल्ट और गार्डनों में हजारों पौधे लगाए गए थे, जो अब बड़े होकर हरे-भरे पेड़ों में तब्दील हो चुके हैं।

स्कीम 78 में सिटी फारेस्ट बनाया
आईडीए ने योजना क्रमांक 78 में मियावाकी पद्धति से गार्डन विकसित किया है। यह इसकी एक सफल मिसाल है। प्राधिकरण केवल पौधारोपण ही नहीं करता, बल्कि रख-रखाव के लिए भी ठेका देता है, जिससे पौधों का जीवित रहना सुनिश्चित होता है।

रिंग रोड की हरियाली और सिटी फॉरेस्ट योजना को भी मिलेगा विस्तार
प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार के अनुसार, प्राधिकरण ने वर्षों पहले रिंग रोड पर जो चौड़े ग्रीन बेल्ट विकसित किए थे, वह आज भी हरे-भरे हैं, हालांकि मेट्रो प्रोजेक्ट और फ्लाईओवर निर्माण के कारण कुछ स्थानों पर ग्रीन बेल्ट हटाने की भी नौबत आई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योजना क्रमांक 97 पार्ट-4 में 42 एकड़ भूमि पर सिटी फॉरेस्ट के लिए जमीन मिली है, जिसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। हाल ही में प्राधिकरण ने कुमेर्डी में आईएसबीटी के सामने 2100 पौधे लगाए हैं। पिछले वर्ष लगाए गए करीब ढाई लाख पौधे अब 10 से 15 फीट तक ऊंचे हो चुके हैं, जो इस योजना की सफलता दर्शाते हैं।

नई टीपीएस योजनाओं में शामिल होंगे बड़े गार्डन क्षेत्र
प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार के अनुसार, इस वर्ष भी मां की बगिया और एक पौधा मां के नाम जैसे अभियानों के तहत मानसून सीजन में हजारों पौधे लगाए जा रहे हैं। साथ ही, जो नई टीपीएस योजनाएं घोषित की गई हैं, उनमें बड़ी संख्या में गार्डनों के लिए जमीन आरक्षित की गई है। इन दो दर्जन नए गार्डनों में ही ढाई लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। मियावाकी पद्धति के अतिरिक्त अन्य पौधारोपण कार्यों के लिए भी टेंडर बुलाए जा चुके हैं और विभिन्न ठेकेदार फर्मों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

ठेकेदार फर्में करेंगी रखरखाव, प्राधिकरण करेगा सख्त मॉनिटरिंग
पौधारोपण की सफलता का राज यह है कि प्राधिकरण पौधों के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी ठेकेदारों को सौंपता है। पौधे सूखने की स्थिति में फर्म को नए पौधे लगाने होते हैं। इसके अलावा पौधारोपण से पहले गार्डनों और ग्रीन बेल्ट में बाउंड्री, फेंसिंग, बोरिंग और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। प्राधिकरण की टीम लगातार इसकी निगरानी करती है। हाल ही में पर्यावरण दिवस पर सिंदूर गार्डन में 1100 पौधे लगाए गए थे। अब बारिश के मौसम में प्राधिकरण पूरे शहर में बड़े पैमाने पर पौधारोपण करने जा रहा है। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments