Thursday, August 14, 2025
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डुमना एयरपोर्ट पर हाईकोर्ट की सख्ती, हालात न सुधरे तो बंद करने पर विचार

 जबलपुर
मध्य प्रदेश के जबलपुर में साढ़े चार सौ करोड़ से तैयार डुमना एयरपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। एयरपोर्ट पर विमानों की कनेक्टिविटी को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्यों न डुमना एयरपोर्ट को ही बंद कर दिया जाए। कोर्ट ने विमान कंपनियों को इस मामले में पूरी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सरकार से भी तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।

‘डुमना एयरपोर्ट पर टैक्स और चार्जेस ज्यादा’

जाबलपुर में डुमना एयरपोर्ट को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार और विमान कंपनियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई। और कहा कि साढ़े चार सौ करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी जबलपुर का डुमना एयरपोर्ट सुधर नहीं रहा है। फ्लाइट्स लगातार बंद हो रही हैं और लोगों को सफर में परेशानी हो रही है। इस पर विमान कंपनियों ने कहा कि जबलपुर डुमना एयरपोर्ट पर टैक्स और चार्जेस ज्यादा हैं, इस वजह से फ्लाइट्स चलाना घाटे का सौदा है।

गौरतलब है कि मामले को लेकर पहले 29 जुलाई को सुनवाई हुई थी, तब हाईकोर्ट ने सरकार से सवाल किया था कि डुमना एयरपोर्ट के लिए क्या योजनाएं बनाई गई है। कोर्ट ने कहा कि 450 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद जब एयरपोर्ट से फ्लाइट्स नहीं चल रहीं, तो इसका क्या फायदा? कोर्ट ने सरकार और विमान कंपनियों की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो एयरपोर्ट को बंद करने पर भी विचार किया जा सकता है।

पुराने हवाई अड्डों में शुमार है डुमना एयरपोर्ट

बता दें कि डुमना एयरपोर्ट पर हाल में ही करोड़ों रुपये खर्च कर विकास किया गया है। इसके बाद भी मात्र 5 फ्लाइट का ही संचालन किया जा रहा है। कोर्ट ने राज्य के एविएशन विभाग से जवाब मांगने के साथ ही विमान कंपनी को फटकार लगाते हुए शपथ पत्र के साथ जबाब मंगा है। गौरतलब है कि डुमना एयरपोर्ट पुराने हवाई अड्डों में शुमार है। इंदौर ओर भोपाल के बाद प्रदेश का बड़ा एयरपोर्ट माना जाता है।

2024 में दायर की गई जनहित याचिका

बात दें कि जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने 2024 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी पहले अच्छी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे सभी फ्लाइट्स बंद हो रही हैं। मुंबई, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु जैसी जगहों के लिए पहले सीधी फ्लाइट्स थीं, जो अब नहीं हैं। हाल ही में भोपाल के लिए भी फ्लाइट बंद कर दी गई है।

वहीं, सरकार का कहना है कि उन्होंने कुछ सर्विस चार्ज कम कर दिए हैं और एयरलाइंस कंपनियों को बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं आए। सरकार ने यह भी कहा कि एक नई योजना लागू होगी, जिसमें विमान कंपनियों को रियायती दरों पर सुविधाएं दी जाएंगी।

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