बालोद
जिले में वन विभाग के पर्यावरण पार्क में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों को पिछले कई महीनों से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है. अगस्त 2024 से 17 मजदूरों को महज 4000 रुपये (प्रति व्यक्ति) मजदूरी दी गई है, जबकि बाकी राशि का भुगतान अब तक नहीं हुआ है. वर्ष 2025 के मई महीने से काम कर रहे लगभग 50 मजदूरों को तीन महीने बीत जाने के बावजूद एक बार भी मजदूरी नहीं मिली है. मजदूरों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से मजदूरी की मांग की है, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला.
करोड़ो रुपए की लागत से बने पर्यावरण पार्क में देख-रेख जैसे- घास निकालना, मिट्टी मुरुम डालना और अन्य कार्यों के लिए कैंप मद से मजदूरों को 346 रूपए की मजदूरी पर रखा गया. लेकिन कुछ मजदूरों को आज तक उनके पूरा पैसा नहीं मिला तो कुछ बिना भुगतान के तीन महीने से काम कर रहे हैं. जिससे उनका घर का खर्चा-पानी चलाना मुश्किल हो गया है.
मंत्री कश्यप ने अधिकारियों को लगाई फटकार
एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण के लिए वन मंत्री केदार कश्यप पर्यावरण पार्क पहुंचे थे. कार्यक्रम के बाद दिहाड़ी मजदूरों ने मंत्री से मुलाकात करने की कोशिश की तो उन्हें रोक दिया गया. इस मामले को लेकर मजदूरों ने मीडिया के सामने अपनी समस्या रखी. मामला संज्ञान में आने के बाद वन मंत्री केदार कश्यप ने जिम्मेदारी अधिकारियों को फटकार लगाई और मजदूरों का तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए हैं.