Homeदेशदहेज विरोधी कानून का वैवाहिक विवादों में किया जा रहा दुरुपयोग....... दहेज विरोधी कानून का वैवाहिक विवादों में किया जा रहा दुरुपयोग…….
दहेज विरोधी कानून का वैवाहिक विवादों में किया जा रहा दुरुपयोग………..
केरल हाई कोर्ट ने कहा महिलाएं अपने पति और उनके रिश्तेदारों को समाज में करती है बदनाम……
सास के खिलाफ दहेज मांगने के आरोपी पर आपराधिक कार्रवाई को किया निरस्त…..…
*केरल हाई कोर्ट में शुक्रवार को अदालतों से वैवाहिक विवादों के मामलों को सावधानी से देखने को कहा । जस्टिस ए बदरूद्दीन ने कहा कि वैवाहिक विवादों में कई महिलाएं अपने पति और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ धारा 498 ए , का दुरुपयोग कर उन्हें समाज में बदनाम करती हैं । बताते चलते , आईपीसी की धारा 498 ए , के तहत पीड़ित महिला दहेज प्रताड़ना या कुर्ता करने का आरोप लगाकर पति को या ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है ।
जस्टिस ए बदरूद्दीन ने कहा, यह देखा गया है कि वैवाहिक विवादों में कुछ महिला पति के माता-पिता बहनों भाइयों और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ अस्पष्ट आरोपों के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज कर देती हैं । उनका परोक्ष उद्देश्य यह होता है कि पति के स्वजन को गैर जवान की अपराध के दायरे में लाया जाए , ताकि समाज में उनकी छवि खराब हो और उन्हें बदनाम किया जा सके ।
हाई कोर्ट ने कहा क्या ऐसे मामलों में अदालतों को उपलब्ध सामग्री का विश्लेषण करना चाहिए की क्या आरोपी को धारा 498 ए… के तहत कुछ भी विशेष रूप से कहा गया है । ताकि अभियुक्तों पर मुकदमा चलाया जा सके ।

हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी एक महिला द्वारा अपनी 61 वर्षीय सास के खिलाफ कुर्ता करने और दहेज मांगने के आरोपों पर शुरू की गई आपराधिक कार्रवाई को निरस्त करते हुए की । हाई कोर्ट ने माना कि सास के विरुद्ध केवल सामान्य आरोप थे । कुर्ता का कोई वरिष्ठ उदाहरण नहीं दिया गया था । इसलिए उनके विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया गया ।