Friday, August 15, 2025
Homeविदेशपाकिस्तान में हाल के दिनों में चीनी नागरिकों पर कई घातक हमले...

पाकिस्तान में हाल के दिनों में चीनी नागरिकों पर कई घातक हमले हुए, अब अपनों की सुरक्षा खुद करेंगे

इस्लामाबाद
चीन ने पाकिस्तान में काम कर रहे अपने हजारों नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने स्वयं के सुरक्षा कर्मियों की तैनाती का प्रस्ताव रखा है। पाकिस्तान में हाल के दिनों में चीनी नागरिकों पर कई घातक हमले हुए हैं। इस ताजा घटनाक्रम के पीछे अक्टूबर में कराची हवाई अड्डे के बाहर हुए कार बम विस्फोट को ज्यादा जिम्मेदार माना जा रहा है। इस विस्फोट में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत काम कर रहे चीनी निवेशक और इंजीनियरों को निशाना बनाया गया था। इस हमले में दो चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी।

इस हमले को लेकर चीन में नाराजगी है और इसे पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी विफलता के रूप में देखा जा रहा है। चीन का मानना है कि पाकिस्तान की सेना विफल रही है। इसे देखते हुए बीजिंग ने भविष्य में एक संयुक्त सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली की मांग की है, जो उसे अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपने कर्मियों को तैनात करने की अनुमति देगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह प्रस्ताव पिछले महीने चीनी प्रधानमंत्री ली चियांग के पाकिस्तान दौरे के दौरान दिया गया था, जब वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए इस्लामाबाद आए थे।

ली चियांग एक दशक से भी अधिक समय बाद पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले चीनी प्रधानमंत्री थे। उनका रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने स्वागत किया। रिपोर्टें बताती हैं कि बंद दरवाजों के पीछे हुई कई बैठकों के बाद, पाकिस्तान में अपने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के चीनी प्रस्ताव पर स्थानीय सरकार की सहमति मिलने की संभावना जताई जा रही है।

कहा जा रहा है कि इस्लामाबाद को बीजिंग द्वारा एक लिखित प्रस्ताव भेजा गया है, जिस पर सुरक्षा एजेंसियां विचार कर रही हैं। इस प्रस्ताव के तहत आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहायता के लिए दोनों देशों के सुरक्षा बलों को एक-दूसरे के क्षेत्र में तैनात करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। हालांकि, कई उच्च पदस्थ अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर गंभीर संदेह व्यक्त किया है और इसे भविष्य में पाकिस्तान के लिए गंभीर परिणाम देने वाला कदम बताया है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तान सीधे हस्तक्षेप के बजाय चीन से अपनी खुफिया और निगरानी क्षमता को बेहतर बनाने में मदद प्राप्त करना पसंद करेगा।”

चीन भी पाकिस्तान के साथ चल रही सुरक्षा सहयोग वार्ताओं को गोपनीय बनाए हुए है। कराची बम विस्फोट और इस घटना की जांच ने बीजिंग को नाराज कर दिया है क्योंकि इसमें एक अंदरूनी व्यक्ति की संलिप्तता पाई गई थी, जिसने इंजीनियरों की यात्रा और रूट की जानकारी लीक की थी। ऐसी स्थिति में अमेरिका सहित कई देशों ने पहले ही पाकिस्तान में चीन के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है और इस प्रस्ताव पर भी आपत्ति जताने की संभावना जताई जा रही है।

इसी बीच, गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (FO) ने बीजिंग द्वारा इस्लामाबाद पर सुरक्षा प्रयासों में शामिल होने के लिए दबाव बनाने की रिपोर्टों को “अफवाहें” कहकर खारिज कर दिया और इसे “भ्रामक एजेंडा” का हिस्सा बताया। इस्लामाबाद में एक साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलोच ने कहा, “हम उन मीडिया अटकलों पर प्रतिक्रिया नहीं देते जो अविश्वसनीय स्रोतों पर आधारित होती हैं और हमारे संबंधों की प्रकृति के बारे में भ्रम पैदा करने के उद्देश्य से प्रेरित होती हैं।”

प्रवक्ता ने आगे जोर देकर कहा, “हम पाकिस्तान-चीन रणनीतिक साझेदारी को कमजोर करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देंगे।” इस वर्ष के दौरान दो बड़े घातक हमले हुए हैं – मार्च में खैबर पख्तूनख्वा के बिशाम में हुए विस्फोट में पांच चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी, जबकि कराची हवाई अड्डे के पास हुए दूसरे विस्फोट में दो नागरिकों की जान चली गई थी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments