Monday, May 19, 2025
Homeधर्ममकर संक्रांति पर बैजनाथ शिव मंदिर में होगा महाकाल की पिंडी का...

मकर संक्रांति पर बैजनाथ शिव मंदिर में होगा महाकाल की पिंडी का घृत श्रृंगार,पहुंचे भक्त भोले के द्वार

मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हिमाचल प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध बैजनाथ शिव मंदिर में भगवान शिव की पिंडी का विशेष श्रृंगार घृत (देसी घी) और सूखे मेवों से किया जाएगा. इस ऐतिहासिक परंपरा का निर्वहन हर साल मकर संक्रांति के दिन किया जाता है. मंदिर परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है और भोलेनाथ के जयकारों से वातावरण गूंज रहा है.

शिवलिंग पर घृत मंडल चढ़ाने की परंपरा
मकर संक्रांति के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरूप में स्थापित पवित्र शिवलिंग पर घृत मंडल चढ़ाने की प्राचीन परंपरा है. मंदिर के पुजारी राम शर्मा के अनुसार, इस वर्ष 2.5 क्विंटल देसी घी और सूखे मेवों का उपयोग किया जा रहा है. देसी घी को पिघलाकर और 101 बार ठंडे पानी से धोकर शुद्ध किया जाता है. इसके बाद घी को छोटे पेड़ों के रूप में तैयार किया जाता है, जो दोपहर बाद शिवलिंग पर चढ़ाया जाएगा.

सात दिन तक शिवलिंग पर रहेगा घृत मंडल
श्रद्धालुओं को घृत मंडल चढ़ाने की प्रक्रिया देखने के लिए विशेष उत्साह रहता है. चढ़ाए गए घी को सात दिनों तक शिवलिंग पर रखा जाएगा. इस दौरान यह औषधीय गुणों से भरपूर हो जाता है. सात दिनों के बाद इस घी को उतारकर भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा.

घृत के औषधीय गुण
मंदिर के पुजारी राम शर्मा के अनुसार, शिवलिंग पर सात दिनों तक चढ़े रहने के कारण घृत औषधीय गुणों से युक्त हो जाता है. इस घी का सेवन नहीं किया जाता, बल्कि इसे चर्म रोगों के उपचार के लिए उपयोगी माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि देवताओं और जालंधर दैत्य के युद्ध के दौरान हुए गहरे घावों का उपचार इसी घृत से किया गया था.

पूरे क्षेत्र में मकर संक्रांति का उत्साह
बैजनाथ के तहसीलदार रमन कुमार ने बताया कि घृत मंडल पर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस अनोखी परंपरा को न केवल बैजनाथ मंदिर में, बल्कि उपमंडल के अन्य मंदिरों जैसे महाकाल, पालिकेश्वर, मूकट नाथ और पुठे चरण मंदिर में भी निभाया जाएगा. भक्तों में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह है. भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था रखने वालों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है.

पौराणिक मान्यताओं से जुड़ी परंपरा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, घृत मंडल चढ़ाने की परंपरा का विशेष महत्व है. इसे देवताओं के प्रति समर्पण और आस्था का प्रतीक माना जाता है. भगवान शिव का यह श्रृंगार भक्तों को यह संदेश देता है कि सेवा और समर्पण से ही जीवन में सच्ची शांति मिलती है.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments