– सम्पूर्ण देश की 2500 शाखाओं के लगभग 5349 बैंक कर्मी रहे हडताल पर
– महा बैंक के कारोबार में लगभग 300% प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि कर्मचारियों की संख्या लगभग 40% की कम हुई
भोपाल। ऑल इंडिया बैंक ऑफ महाराष्ट्र एम्प्लाईज़ फेडरेशन के आह्वान पर गुरूवार राष्ट्रव्यापी हड़ताल से सम्पूर्ण देश की 2500 शाखाओं के लगभग 5349 बैंक कर्मी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उच्च प्रबंधन की तानाशाही, बैंक के कर्मचारी एवं ट्रेड यूनियन विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल रहे। हड़ताल के कारण बैंक ऑफ महाराष्ट्र का कामकाज पूर्णतः ठप्प रहा।
ऑल इंडिया बैंक ऑफ महाराष्ट्र एम्प्लाईज फेडरेशन के प्रवक्ता कैलाश माखीजानी ने बताया कि ऑल इंडिया बैंक ऑफ महाराष्ट्र एम्प्लाईज़ फेडरेशन के आह्वान पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र कर्मियों के आन्दोलन के चरण में दिनांक 20 मार्च की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पश्चात आज पुनः राजधानी भोपाल में सैकड़ों हड़ताली बैंक कर्मचारी सुबह 11 बजे बैंक ऑफ महाराष्ट्र के टी.टी. नगर, भोपाल शाखा के सामने एकत्रित हुए, उन्होंने अपनी माँगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी कर प्रभावी प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के बैनर तले विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने भाग लेकर हड़ताली बैंक कर्मियों की माँगों का समर्थन कर एकजुटता का इज़हार किया। हड़ताली बैंक कर्मियों की माँग है कि पर्याप्त संख्या में अधिकारी – कर्मचारी – चपरासी एवं सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जावे, द्विपक्षीय समझौतों का पालन किया जावे एवं मेजोरिटी यूनियन के साथ किए गए समझौतों का पालन किया जाए।
प्रदर्शन के पश्चात सभा हुई जिसमें बैंक कर्मचारी नेताओं- वी.के. शर्मा, दीपक रत्न शर्मा, अशोक पंचोली, किशन खैराजानी, कैलाश माखीजानी, गुणशेखरन, जे.पी. दुबे, सत्येन्द्र चैरसिया,प्रभात खरे, राजीव उपाध्याय, योगेश मनूजा, बी.एल. पुष्पद, उमेश शाक्या, प्रदीप कटारिया, अवध वर्मा एवं महिला प्रतिनिधि के रूप में निश्चला शर्मा आदि ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने बताया कि आज महाबैंक में पिछले एक दशक में बैंक के कारोबार में लगभग 300% प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि कर्मचारियों की संख्या में लगभग 40% की कमी हुई है हालांकि इस अवधि के दौरान उन्नत प्रौद्योगिक पेश की गई है एवं अन्य वैकल्पिक वितरण चैनलों को मजबूत किया गया है।
सरकार के जन, धन, जीवन सुरक्षा, जीवन ज्योति, अटल पेंशन, मुद्रा, स्वनिधि, फसल ऋण, फसल बीमा आदि जैसे अन्य कई प्रकार की सरकारी योजना/ व्यवसाय को जिम्मेदारियाँ दी गई है, जिसके फलस्वरूप काउंटरों पर काम के बोझ में अभूतपूर्व असर हो रहा है। ग्राहक सेवा पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके पश्चात भी यदि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उच्च प्रबंधन द्वारा माँगों का सम्मानजनक निराकरण नहीं किया तो अनिश्चतकालीन राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल की जावेगी।