भोपाल
मध्य प्रदेश राजधानी भोपाल के एक होटल में उपभोक्ता से पानी की बोतल पर एक रुपये जीएसटी वसूला गया। जिस पर उपभोक्ता ने विरोध भी जताया, लेकिन होटल संचालक नहीं माने। इससे परेशान होकर ग्राहक ने जिला उपभोक्ता आयोग में याचिका लगाई। आयोग ने उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय सुनाया। आयोग के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल व सदस्य प्रतिभा पांडेय ने निर्णय सुनाया कि एमआरपी में जीएसटी शामिल होता है, ऐसे में अलग से जीएसटी वसूलना गलत है। मामले में आयोग ने निर्णय सुनाया कि होटल प्रबंधन दो महीने के अंदर वसूली गई जीएसटी की राशि एक रुपये ग्राहक को वापस करे।
दोस्त के साथ गए थे होटल
साथ ही आठ हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में देना होगा। दरअसल, राजधानी के ऐश्वर्य निगम मिसरोद रोड स्थित मोती महल डीलक्स होटल में अपने दोस्त के साथ खाना खाने गए थे, जहां खाने का बिल 796 रुपये दिया गया। इसमें पानी की एक बॉटल 29 रुपये की दी गई, जबकि बॉटल पर एमआरपी 20 रुपये छपी थी। इसके साथ ही होटल प्रबंधन ने पानी की बॉटल पर एक रुपये की जीएसटी भी वसूली।
होटल प्रबंधन के तर्क को किया खारिज
उपभोक्ता ने शिकायत की थी कि जब पानी की बॉटल बाजार भाव से अधिक दाम पर होटल प्रबंधन से की तो विवाद बढ़ गया। होटल प्रबंधन ने तर्क रखा कि उपभोक्ता को जो मेन्यू कार्ड दिया गया था, उसमें कीमत और जीएसटी दोनों का जिक्र था।
साथ ही होटल में बैठने, एयर कंडीशनर और म्यूजिक समेत अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। ऐसे में पानी पर जीएसटी लगाना कानूनी अधिकार है, हालांकि आयोग ने इस तर्क को खारिज कर दिया।