Tuesday, July 29, 2025
Homeविदेशइस्लाम और अरबी अब इजरायली सैनिकों के लिए अनिवार्य, क्या है इसके...

इस्लाम और अरबी अब इजरायली सैनिकों के लिए अनिवार्य, क्या है इसके पीछे की रणनीति?

तेल अवीव

इजरायल डिफेंस फोर्स (IMF) ने खुफिया विभाग के सैनिकों और अधिकारियों के लिए अरबी भाषा व इस्लामी स्टडी की ट्रेनिंग जरूरी कर दी है। रिपोर्ट में बताया गया कि 7 अक्टूबर, 2023 को हुई खुफिया विफलता को देखते हुए यह फैसला लिया गया। माना जा रहा है कि इस पहल से खुफिया अफसरों की जांच का दायरा और बढ़ेगा। अगले साल के अंत तक AMAN (इजरायल के सैन्य खुफिया निदेशालय का हिब्रू में नाम) के सभी कर्मियों से इस्लामी अध्ययन कराया जाएगा। साथ ही, 50 प्रतिशत कर्मियों को अरबी भाषा सिखाई जाएगी। यह आदेश अमन के प्रमुख मेजर जनरल श्लोमी बाइंडर ने जारी किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ के इस कार्यक्रम में हूती और इराकी बोलियों पर भी ध्यान दिया जाएगा। खुफिया कर्मियों को फिलहाल हूती में बातों को समझने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। रिपोर्ट में बताया गया कि यमन और अन्य अरब क्षेत्रों के ज्यादातर लोगों को कात (हल्का नशीला पौधा) चबाने की आदत है। इससे साफ बोलने में दिक्कत आने लगती है। सीनियर अधिकारी ने आर्मी रेडियो को बताया, ‘अब तक हम संस्कृति, भाषा और इस्लाम के क्षेत्रों में सक्षम नहीं रहे हैं। हमें इनमें सुधार करने की जरूरत है। हम अपने खुफिया अधिकारियों और सैनिकों को अरब गांवों में पले-बढ़े बच्चों जैसा तो नहीं बना सकते, लेकिन भाषा और सांस्कृतिक अध्ययन से उनकी समझ को बढ़ाया जा सकता है।’

स्कूल में अरबी को बढ़ावा

आर्मी रेडियो के सैन्य संवाददाता डोरोन कादोश ने बताया कि अरबी और इस्लामी शिक्षा के लिए एक नया विभाग स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, आईडीएफ ने मिडिल और हाई स्कूलों में अरबी को बढ़ावा देने के लिए टेलेम विभाग को फिर से खोलने की योजना बनाई है। पहले यह विभाग बजट की कमी के कारण बंद कर दिया गया था। इसके चलते अरबी पढ़ने वाले कर्मियों की संख्या में भारी कमी आई है। अब जरूरत महसूस होने पर इसे दोबारा शुरू करने की तैयारी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments