Saturday, August 9, 2025
Homeबिज़नेस110 अरब डॉलर का धमाका! भारत बनेगा नई आर्थिक ताकत, अमेरिका-चीन को...

110 अरब डॉलर का धमाका! भारत बनेगा नई आर्थिक ताकत, अमेरिका-चीन को टक्कर

नई दिल्ली

भारत में सेमीकंडक्‍टर का उपयोग बड़े स्तर पर होता है और अब भारत कंजम्‍प्‍शन के अलावा, मैन्‍युफैक्‍चरिंग भी करने लगा है. भारत में तेजी से चिप (India Semiconductor Market) बनाने का काम हो रहा है, जिस कारण सेमीकंडक्‍टर इंडस्‍ट्री ग्रो कर रही है. घरेलू च‍िप मार्केट 2023 में 38 अरब डॉलर तक था और वित्त वर्ष 2024-25 में 45 से 50 अरब डॉलर था, जो 2030 तक 100 से 110 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. 

अगर भारत यह टारगेट हासिल कर लेता है तो वह US चीन की कैटेगरी में शामिल हो जाएगा, जिनकी सेमीकंडक्‍टर इंडस्‍ट्रीज ट्रिलियन डॉलर की हैं. 2023 में चीन का सेमीकंडक्‍टर मार्केट 177.8 अरब डॉलर था, जो ग्‍लोबल मार्केट का 32 फीसदी हिस्‍सा है. वहीं मैन्‍युफैक्चरिंग की बात करें तो यह 16 से 18% उत्‍पादन करता है. अमेरिका का चिप मार्केट साल 2023 में 130 अरब डॉलर था, जो ग्‍लोबल मार्केट का 25 फीसदी है, लेकिन US 12 फीसदी ही उत्‍पादन करता है. 

भारत उभरता हुआ चिप मार्केट 
भारत का साल 2024 में कुल सेमीकंडक्‍टर मार्केट 45 अरब डॉलर था, जो कुल ग्‍लोबल मार्केट में 1 फीसदी उत्‍पादन करता है. हालांकि भारत का चिप मार्केट 16% ग्रोथ से बढ़ रहा है यानी 2030 तक इसकी ग्‍लोबल मार्केट में 6.21 फीसदी तक की हिस्‍सेदारी होगी. ऐसे में कहा जा सकता है कि भारत ग्‍लोबल सेमीकंडक्‍टर मार्केट में एक उभरता हुआ देश है. 

इस वजह से बढ़ रहा सेमीकंडक्‍टर का उत्‍पादन 
एक ऑफिशियल स्‍टेटमेंट के मुताबिक, इस ग्रोथ को 76000 करोड़ रुपये के खर्च से शुरू किए गए इंडिया सेमीकंडक्‍टर मिशन और सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम जैसी सेमीकंडक्‍टर का उत्‍पादन बढ़ रहा है. इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (ICET) जैसे ग्‍लोबल सहयोग ने इस क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी को और बढ़ाया है. 

फॉक्‍सकॉन और एचसीएल का ज्‍वाइंट वेंचर 
देश का चिप निर्माण इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर धीरे-धीरे साइज बदल रहा है. मई 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सेमीकंडक्‍टर मिशन के तहत एक सेमीकंडक्‍टर निर्माण सुविधा को मंजूरी दी, जो HCL और फॉक्‍सकॉन के बीच एक ज्‍वाइंट वेंचर है. यह प्‍लांट मोबाइल फोन, लैपटॉप, कार और PC जैसे उपकरणों के लिए डिस्‍प्‍ले ड्राइवर चिप्‍स का निर्माण करेगा. इस प्‍लांट को 20 हजार वेफर मंथली की क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है. इससे मंथली 36 मिलियन चिप्‍स का उत्‍पादन होने की उम्‍मीद है. 

भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप का उत्पादन भी इसी वर्ष शुरू होने वाला है और पांच मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट अभी बन रही हैं. भारत सिर्फ एक मार्केट ही नहीं, बल्कि एक उत्‍पादन सेंटर के तौर पर भी महत्‍वपूर्ण ग्‍लोबल हिस्‍सेदारी हासिल करने के लिए भी तैयार है. 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments