Saturday, December 6, 2025
Homeबिज़नेसZomato की नई पॉलिसी: ग्राहकों के नंबर रेस्तरां के साथ साझा, बवाल...

Zomato की नई पॉलिसी: ग्राहकों के नंबर रेस्तरां के साथ साझा, बवाल मचा

 नई दिल्ली
फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato ने रेस्टोरेंट उद्योग के साथ चल रही वर्षों पुरानी खींचतान को खत्म करते हुए, ग्राहकों का डेटा (फोन नंबर) रेस्टोरेंट्स के साथ साझा करने का फैसला किया है. इस कदम से ग्राहकों के इनबॉक्स में जल्द ही प्रचार संदेशों (जैसे ‘कोड XXX का उपयोग करें और ₹200 की छूट पाएं’) की बाढ़ आ सकती है.

इस कदम ने डेटा प्राइवेसी और ग्राहक सूचना के संभावित दुरुपयोग को लेकर राजनीतिक और उद्योग विशेषज्ञों के बीच हंगामा खड़ा कर दिया है. Zomato, 5 लाख से ज़्यादा रेस्टोरेंट्स की संयुक्त संस्था, नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (NRAI) के साथ ग्राहकों का डेटा रेस्टोरेंट्स के साथ साझा करने के लिए बातचीत कर रहा है.रिपोर्ट के अनुसार, Zomato के प्रतिद्वंद्वी Swiggy के साथ भी इसी तरह की बातचीत चल रही है.

Zomato क्या कर रहा है?
वर्तमान में, डिलीवरी प्लेटफॉर्म ग्राहक डेटा को मास्क करते हैं, यानी रेस्टोरेंट्स के पास फोन नंबर या अन्य व्यक्तिगत विवरण की जानकारी नहीं होती है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर Zomato ने ग्राहकों को पॉप-अप भेजना शुरू कर दिया है, जिसमें उन्हें मार्केटिंग और प्रचार संदेशों के लिए रेस्टोरेंट्स के साथ अपना फोन नंबर साझा करने की अनुमति मांगी जा रही है.

पॉप-अप में स्पष्ट है कि एक बार जानकारी साझा करने के बाद, यूजर इसे वापस नहीं ले सकता. संदेश में लिखा है, “मैं रेस्टोरेंट को प्रमोशनल गतिविधियों के लिए मुझसे संपर्क करने की अनुमति देता हूं.”

रेस्टोरेंट्स क्यों चाहते हैं डेटा?
रेस्टोरेंट्स लंबे समय से यह शिकायत कर रहे थे कि डेटा मास्किंग उन्हें ग्राहकों के साथ सीधे जुड़ने से रोकती है. NRAI ने इस मुद्दे पर Zomato और Swiggy के खिलाफ CCI (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) में “प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं” के लिए शिकायत भी दर्ज कराई थी.

रेस्टोरेंट्स का कहना है कि यह उन्हें उपभोग पैटर्न को बेहतर ढंग से समझने, मार्केटिंग लागत को सही ढंग से चैनलाइज़ करने और ग्राहकों के लिए सेवाओं को पर्सनलाइज़ करने में मदद करेगा.उदाहरण के लिए, यदि भोजन के ऑर्डर में कोई समस्या हो या वे किसी प्राथमिकता की पुष्टि करना चाहें तो रेस्तरां सीधे उपयोगकर्ता को कॉल कर सकते हैं.

गोपनीयता जोखिम और राजनीतिक विरोध
इस कदम ने तत्काल एक गोपनीयता विवाद को जन्म दिया है, क्योंकि सोशल मीडिया यूजर्स इसे स्पैम मैसेजेज के लिए गेट खोलने वाला बता रहे हैं.शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘ज़ोमैटो भले ही इसे पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम समझती हो, लेकिन एक ग्राहक के लिए यह डेटा गोपनीयता का उल्लंघन है.  अगर ज़ोमैटो और ऐप्स एकतरफ़ा ऐसा रुख़ अपनाते हैं, तो आईटी पर स्थायी समिति की सदस्य होने के नाते मैं डेटा गोपनीयता क़ानूनों के उल्लंघन की जांच करने का अनुरोध करूंगी.’

मिलिंद देवड़ा (राज्यसभा सांसद), ने कहा,  “ज़ोमैटो और स्विगी ग्राहकों के मोबाइल नंबर रेस्टोरेंट के साथ साझा करने की योजना बना रहे हैं. इससे निजता के जोखिम और बेहतर सेवा की आड़ में स्पैम बढ़ने का खतरा है. हमें नए डीपीडीपी नियमों के अनुरूप स्पष्ट और स्पष्ट ऑप्ट-इन दिशानिर्देशों की आवश्यकता है, ताकि उपभोक्ताओं के डेटा का सम्मान किया जा सके.”

मार्केटिंग विशेषज्ञ और व्यवसायी सुहेल सेठ ने कहा कि ऐसा कदम “पूरी तरह अस्वीकार्य” है. सेठ ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि सरकार इसकी बिल्कुल भी इजाज़त नहीं देगी. आगे चलकर, वे हमारी खान-पान की आदतों को सबके साथ साझा करेंगे!”

विवाद के बीच, ज़ोमैटो के सीईओ आदित्य मंगला ने चिंताओं को कम करने की कोशिश की है. उन्होंने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा, “अगर सहमति मिल जाती है, तो रेस्टोरेंट के साथ सिर्फ़ फ़ोन नंबर ही साझा किया जाएगा. कोई और जानकारी साझा नहीं की जाएगी.”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments