Saturday, August 9, 2025
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ट्रंप की चुनौती का जवाब! भारत का ₹20,000 करोड़ का निर्यात मिशन करेगा ग्लोबल बाज़ार में Brand India को मजबूत

वाशिंगटन 
अमेरिका के राष्ट्रपति  डोनाल्ड ट्रंप  द्वारा भारतीय सामानों पर 25% टैक्स (टैरिफ)  लगाने  के बीच भारत सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया है। यह योजना करीब  ₹20,000 करोड़ की होगी और इसे सितंबर 2025 से शुरू किया जाएगा। इस नई योजना का मुख्य मकसद  भारतीय उत्पादों को दुनिया के बाजारों में पहचान दिलाना,  निर्यात करने वाले छोटे कारोबारियों को बिना ज़मानत के लोन देना, गैर-टैरिफ नियमों (जैसे तकनीकी अड़चनें) को आसान बनाना, ‘ब्रांड इंडिया’ को दुनिया में मजबूत बनाना और  हर जिले को एक निर्यात केंद्र  (Export Hub) बनाना है। 

छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी मदद
सरकार चाहती है कि MSME (छोटे और मझोले उद्यम) अपने सामान को दुनिया में बेच सकें। इसके लिए उन्हें बिना किसी बड़ी जमानत के लोन मिल सकेगा, ताकि वे व्यापार बढ़ा सकें।यह योजना तीन मंत्रालयों वाणिज्य मंत्रालय,  MSME मंत्रालय और  वित्त मंत्रालय की साझेदारी में बनाई जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक “यह योजना अमेरिका ही नहीं, बल्कि सभी देशों में भारतीय निर्यात को बढ़ाएगी। अगस्त में इसकी तैयारी पूरी कर ली जाएगी और सितंबर से यह लागू होगी।”
 
‘ब्रांड इंडिया’ को मिलेगा इंटरनेशनल स्टेटस
जैसे जापान, कोरिया और स्विट्जरलैंड  की पहचान उनके हाई-क्वालिटी प्रोडक्ट्स के लिए होती है, भारत भी चाहता है कि  ‘ब्रांड इंडिया’ को वैसी ही पहचान मिले।FIEO के महानिदेशक  अजय सहाय ने कहा कि “अगर इतनी बड़ी राशि सही तरीके से इस्तेमाल होती है, तो यह देश के निर्यातकों के लिए बहुत फायदेमंद होगा।”अमेरिका ने ऐलान किया है कि  7 अगस्त से  भारत से जाने वाले सभी सामानों पर  25% टैरिफ  लगेगा। इससे भारत के करीब  $85 अरब डॉलर के सालाना निर्यात का आधा हिस्सा प्रभावित हो सकता है।

ट्रंप की धमकी और भारत का पलटवार 
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर लिखा: “भारत रूस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है और मुनाफा कमा रहा है, जबकि रूस यूक्रेन में लोगों को मार रहा है। इसलिए अब भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगेगा।” भारत ने साफ कहा कि वह अपने आर्थिक हितों की रक्षा करेगा और यह भी बताया कि अमेरिका और यूरोप खुद भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। भारत ने ट्रंप के आरोपों को दोगलापन (hypocrisy) करार दिया है।

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