संवाददाता राजा शर्मा
करेली।एक ऐसी पंचायत जो महीनो से पड़ी रहती हैं बंद, ना ग्राम सचिव का अता पता है ना सहायक सचिव और सरपंच का , ये वाक्या करेली जनपद पंचायत, से लगी , ग्राम गरहा पंचायत का है जहा पर जाने पर सिर्फ ताला लगा मिलता है, जो की अब शराबियो का अड्डा बन गया है।
हमारी टीम ग्राम पंचायत गरहा का 3 बार निरीक्षण करने के लिए गए तीनों ही बार ताला लगा मिला, जबकि शासकीय समय 9-5 तक पंचायत का खुला रहना आवश्यक है, किसी भी सदस्य की मौजूदगी तो दूर की बात है ताला भी खुला नही मिला 2 घंटे इंतजार के बाद स्थानीय लोगो से पूछताछ की तो उन्होंने बताया , स्थानीय लोगों का कहना है, महीने में एक या दो बार पंचायत खुल जाए तो बड़ी बात है ,फिर हमारी टीम ने सचिव राजेंद्र जी को संपर्क किया , फोन के माध्यम से संपर्क किया , एक बार तो फोन की घंटी गई उसके बाद उन्होंने फोन स्विच ऑफ कर दिया , इसके बाद सहायक सचिव मूलचंद को कॉल किया उन्होंने फोन उठाया और किसी परिचित की बीमारी के इलाज के लिए नरसिंहपुर में होने की बात कही और पंचायत बंद होने की बात कही। इसके बाद सरपंच को कॉल के माध्यम से संपर्क किया तो उन्होंने भी में ना होने का बताया और कहा सचिव से बात करिए कहकर फोन कट कर दिया ।
सवाल – ग्राम पंचायत में किसी सदस्य की मौजूदगी क्यों नहीं शासकीय कर्मचारी की मौजूदगी अनिवार्य
जनपद सीईओ /जनपद अध्यक्ष को महीनो बंद पड़ी पंचायत की जानकारी नहीं।
ग्राम पंचायत में लगे ग्रामों का कार्य कैसे किया जाता होगा ।
ग्राम वासियों को परेशानी नहीं होती होगी।
क्या इसी तरह होगा ग्राम पंचायतों का विकास
ग्राम पंचायत को शराब खाना बनाने ने किसका योगदान है