संवाददाता राजा शर्मा
गाडरवारा।। जिला नरसिंहपुर से गाडरवारा में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन समारोह कार्यक्रम शामिल हुए मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह।
देश को विश्वगुरु बनाने के लिए शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिक्षकों के सहयोग के बगैर देश का विकास असंभव है। शिक्षा विभाग में प्रशासनिक पदों की भर्ती शिक्षकों के माध्यम से होगी। प्रत्येक जिले में सीएम राइज विद्यालयों की संख्या भी बढ़ाई जायेगी। उक्त विचार राज्य शासन के परिवहन एवं श्री उदय प्रताप सिंह ने गाडरवारा में आयोजित राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक स्व. श्री प्रेमनारायण त्रिपाठी, श्री ओमकार बसेड़िया, शेख निजाम एवं उत्कृष्ट शिक्षक स्व. सुशील शर्मा की पुण्य स्मृति में शिक्षक संदर्भ समूह मध्यप्रदेश के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन एवं राज्य स्तरीय गिजुभाई शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में व्यक्त किये। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से उपस्थित नवाचारी शिक्षकों द्वारा वर्तमान संसाधनों में उनके द्वारा किये गये नवाचारों के माध्यम से बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार कर गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बधाई दी। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार कर अपना अनुकरणीय योगदान देने वाले प्रदेश के लगभग 500 शिक्षक- शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर हमारा विद्यालय, हमारा आनंद घर, अध्यापक की आवाज एवं जादुई छड़ी किताब का भी विमोचन किया गया।
परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने बताया कि शीघ्र ही भोपाल में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश से शिक्षकों को आमंत्रित कर संवाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे जब जनपद अध्यक्ष एवं सांसद रहे तब से लेकर अब तक शिक्षकों के हित के लिए कार्य करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। शिक्षा विभाग में प्रशासनिक पदों की भर्ती के लिए शिक्षा विभाग के शिक्षकों की परीक्षा लेकर भर्ती की जाएगी। सरकार ने शिक्षकों के हितों को देखते हुए प्रमोशन किये हैं। शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों का धन्यवाद, जिन्होंने शिक्षा विभाग की प्रमोशन प्रक्रिया का पालन करते हुए अपने-अपने पदों पर जॉइनिंग दी है। प्रदेश के प्रत्येक जिलों में सीएम राइज विद्यालय की संख्या बढ़ाई जायेगी, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। अभी मध्यप्रदेश सरकार 40 करोड़ रुपये की लागत से सीएम राइज विद्यालयों का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि भवन में शिक्षा देने एवं शिक्षा लेने वाले दोनों महत्वपूर्ण होते हैं। शिक्षा विभाग सरकार का अभिन्न अंग है।
शिक्षक के सहयोग के बगैर कोई भी देश प्रदेश तरक्की नहीं कर सकता
मंत्री श्री सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों का स्थानांतरण अनायास नहीं होना चाहिए। क्योंकि शिक्षक जब किसी स्कूल में ज्यादा वक्त तक शिक्षण कार्य करेगा तभी वह वहां के विद्यार्थियों के बारे में जानकर उनकी कमजोरियों को दूर कर पायेगा। उन्होंने कहा कि यदि सभी शिक्षक नियमित तौर पर समय पर स्कूल पहुंचे तो निश्चित ही हमारी शिक्षण व्यवस्था की तस्वीर बदलेगी और बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा। आपका यह दायित्व है कि विद्यार्थी के मन में स्कूल के प्रति अच्छा भाव व जिज्ञासा उत्पन्न करें, जिससे वह प्रतिदिन स्कूल आये। उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत में सबसे ज्यादा प्रयोग किसी व्यवस्था में हुए हैं तो वह शिक्षा विभाग में हुए हैं।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि वरिष्ठ शिक्षक की डिग्री कम हो सकती है किंतु उनका अनुभव अधिक होता है। इसलिए हमें वरिष्ठ शिक्षकों के अनुभव से सीख लेनी चाहिये। नवाचार करने से बेहतर की संभावना हमेशा रहती है, क्योंकि आपने अगर यह नवाचार नहीं किये होते, तो आपकी अलग से कोई आपकी पहचान नहीं होती। इस नवाचार को और व्यापक करने की आवश्यकता है। समाज में सबसे अधिक मान व सम्मान किसी वर्ग को मिलता है, तो वह हमारे शिक्षकों को मिलता है। उन्होंने कहा कि मेरे मन में जो माता- पिता के प्रति सर्वश्रेष्ठ आदर का भाव है, वहीं गुरू के प्रति है। इसी भाव के साथ प्रदेश की व्यवस्थाओं को ठीक करना चाहता हूं।
कार्यक्रम में श्री जगदीश यादव ने कहा कि नवाचारी शिक्षकों का समूह शिक्षण संदर्भ समूह है, जो कि अपने नवाचार से शिक्षा देने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि इसी के कारण आज सरकारी स्कूलों में डॉक्टर, इंजीनियर बन रहे है। शिक्षक संदर्भ समूह की संस्थापक डॉ. दामोदर जैन ने कहा कि शिक्षकों के नवाचार, रचनात्मक कार्यों को आगे बढ़ने का कार्य शिक्षक संदर्भ समूह कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सरकार के भी अनेक कार्य करने होते हैं जो कि शिक्षकों द्वारा समय-समय पर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संकल्प अच्छा हो तो भगवान भी साथ देते हैं। हमारे प्रदेश के सभी शिक्षक संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं और अच्छी शिक्षा प्रदान कर रहे है।
कार्यक्रम के शुरूआत में मंत्री श्री सिंह ने सरस्वती पूजन किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्रीमती साधना स्थापक, नगर पालिका अध्यक्ष श्री शिवाकांत मिश्रा, श्री अनूप जैन, श्री मिनेन्द्र डागा, डॉ. योगेश कौरव, राव संदीप सिंह, श्री दिनेश मालपानी, श्री अशोक भार्गव, श्री कीरत सिंह पटेल, सहित अन्य विशिष्ट जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में शिक्षक- शिक्षिकायें मौजूद थी। कार्यक्रम का संचालन श्री मनीष शंकर तिवारी एवं श्री पवन राजौरिया ने किया।