Wednesday, July 23, 2025
Homeब्रेकिंगकांवड़ यात्रा: UP-उत्तराखंड सरकार का QR कोड का आदेश जारी रहेगा, SC...

कांवड़ यात्रा: UP-उत्तराखंड सरकार का QR कोड का आदेश जारी रहेगा, SC में मामला अब भी पेंडिंग

लखनऊ / देहरादून 

कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत का कहना है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों में क्यूआर कोड लगाने के फैसले के सही करार दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से यह आदेश दिया गया था, जिसे प्रोफेसर अपूर्वानंद समेत कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी पर अदालत का कहना है कि दुकानदारों को क्यूआर कोड और अपना लाइसेंस लगाना चाहिए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इस तरह यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश जारी रहेगा। हालांकि इस फैसले का अब कोई खास असर नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि बुधवार को कांवड़ यात्रा का महाशिवरात्रि के साथ समापन होना है।

फिर भी अदालत का यह फैसला आने वाले सालों के लिए लागू हो सकता है। योगी सरकार ने बीते साल भी एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि दुकानदारों को अपना नाम बोर्ड पर लिखना होगा। इसे लेकर भी अदालत का रुख किया गया था और तब सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को गलत करार दिया था। हालांकि तब भी फैसला आते-आते कांवड़ यात्रा का समापन हो गया था। फिर भी अदालत का आदेश ऐसे मामलों में भविष्य के लिए एक नजीर होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, ‘हमें बताया गया है कि आज यात्रा का अंतिम दिन है. बहरहाल, निकट भविष्य में इसके समाप्त होने की संभावना है. इसलिए इस समय हम केवल यह आदेश पारित करेंगे कि सभी संबंधित होटल मालिक वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने के आदेश का पालन करें. हम स्पष्ट करते हैं कि हम अन्य विवादित मुद्दों पर विचार नहीं कर रहे हैं. आवेदन समाप्त किया जाता है.

पिछली सुनवाई में उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा 25 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए झा ने कहा था, ‘नए उपायों में कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य है जिससे मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता हो। इस तरह उसी भेदभावपूर्ण तरीके से पहचान की बात हो रही है जिस पर पहले इस अदालत ने रोक लगा दी थी.’ याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार का निर्देश, जिसमें दुकान मालिकों को ‘‘कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं’’ के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान बताने के लिए कहा गया है, दुकान, ढाबा और रेस्टोरेंट मालिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन है.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण महीने में शिवलिंगों का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में कांवड़िए गंगा और अन्य नदियों से जल लेकर आते हैं. कई श्रद्धालु इस महीने में मांसाहार से परहेज करते हैं. कई लोग तो प्याज और लहसुन युक्त भोजन भी नहीं खाते.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments