Khyber Pakhtunkhwa विवाद से यह साफ है कि पाकिस्तान के शिक्षा क्षेत्र को सुधारने की जरूरत है। सरकारी कॉलेजों को आउटसोर्स करने का फैसला, चाहे वह पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल हो, या टीचर्स की प्रमोशन के लिए नई शर्तें, यह सभी मुद्दे शिक्षा के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।
