Khyber-Pakhtunkhwa अडियाला जेल के बाहर हुई घटनाएँ और इमरान खान को लेकर उठती चिंताएँ सिर्फ एक राजनैतिक संघर्ष नहीं, बल्कि पाकिस्तान की संवैधानिक मर्यादा, मानवाधिकारों और सामाजिक स्थिरता की कसौटी भी हैं। यदि न्यायिक आदेशों का पालन, पारदर्शी जांच और फैसलों में संतुलन संभव नहीं हुआ तो
