Saturday, December 6, 2025
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MP में तय होगी 2035 की युद्ध रणनीति: top कमांडर और विशेषज्ञ करेंगे उच्चस्तरीय मंथन

महू 
डॉ. आंबेडकर नगर (महू) के आर्मी वॉर कॉलेज में 24-25 नवंबर को सेना का दो दिनी सेमिनार होगा। इसमें सीनियर मिलिट्री कमांडर, स्ट्रैटेजिक थिंकर्स, एकेडेमियर और इंडस्ट्री के सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट, टेक्नोलॉजिस्ट और वेटरन्स एक साथ विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। महू में सेना द्वारा रणसंवाद के बाद तीन माह में दूसरा बड़ा सेमिनार आयोजित किया जा रहा है।

ऑर्मी वॉर कॉलेज (Army War College) द्वारा होने वाले इस सेमिनार का विषय ‘ फ्यूचर रेडी’ है। इसमें कल के युद्ध के लिए भारतीय सेना की दक्षता को मजबूत करना है। यह 27वां डाक्ट्रिन और स्ट्रेटेजी सेमिनार है। यह सेमिनार डिसरप्टिव टेक्नोलाजी, बदलते जियो पालिटिकल इक्वेशन और मुश्किल थ्रेट मैट्रिक्स से पैदा होने वाली जरूरी चुनौतियों और मौकों पर फोकस करेगा। 

एआइए रोबोटिक्स सहित अन्य तकनीक पर चर्चा
सेमिनार में चर्चा का मुख्य उद्देश्य अनमैन्ड सिस्टम, काउंटर ड्रोन कैपेबिलिटीए एआई बेस्ड डिसीजन सपोर्ट, रोबोटिक्स,क्वांटम टेक्नोलाजी, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम ऑपरेशन और नियर स्पेस प्लेटफॉर्म में भारत की टेक्नोलाजिकल तैयारी का आकलन करना होगा। बातचीत में आत्मनिर्भरता और लंबे समय की कैपेबिलिटी आटोनामी को आगे बढ़ाने में डिफेंसइकोसिस्टम की ताकत की भी जांच होगी। जिसमें डीआरडीओए डीपीएसयूए प्राइवेट फर्म, स्टार्ट-अप और एकेडेमिया शामिल हैं। सेमिनार भविष्य की लड़ाइयों के लिए जरूरी सैद्धांतिक, स्ट्रक्चर और लीडरशिप सुधारों को बताने पर फोकस करेगा।
 
ऑर्मी चीफ भी हो सकते हैं शामिल
सेमिनार में ऑर्मी चीफ जनरल उपेंद्र ‌द्विवेदी भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि इसको लेकर अभी अधिकृत पुष्टी नहीं हो सकीं। तीन माह पहले रणसंवाद में रक्षामंत्री राजनाथसिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान सहित एयर चीफ मार्शल और नेवी चीफ भी शामिल हुए थे।
 
तीन थीम पर होगी चर्च
भविष्य के लिए एक तय दिशा देने के लिए मुय तीन थीम पर चर्चा होगी। जिसमें यूचर बैटलफील्ड मिलियू 2035- इंडियन कांटेक्स्ट, आपरेशंस को असरदार तरीके से चलाने के लिए टेक्नोलाजिकल तैयारी और यूचर कोर्स को क्रिस्टल गेजिंग शामिल हैं। थीम में वर्तमान से 2035 तक की सुरक्षा परिस्थितियों को देखा जाएगा। जिसमें मिलिट्री माडनॉईजेशन, इंटेलिजेंट वारफेयर, एसिमेट्रिक स्ट्रैटेजी, ग्रे जोन आपरेशन और दुश्मनों द्वारा पैदा किए गए कोआर्डिनेटेड मल्टी डोमेन मिश्रित वाली स्थितियों की संभावना शामिल है। एक्सपर्ट स्पेस, साइबर, इंफॉर्मेशन और काग्निटिव वारफेयर के पहलुओं व रोकथाम और एस्केलेशन कंट्रोल के लिए उनके असर का एनालिसिस करेंगे।

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