Tuesday, July 15, 2025
Homeदेशनिमिषा प्रिया को बचाने अब आगे आए मुस्लिम धर्मगुरु, क्या ‘ब्लड मनी’...

निमिषा प्रिया को बचाने अब आगे आए मुस्लिम धर्मगुरु, क्या ‘ब्लड मनी’ पर बन गई बात?

 कोझिकोड 

यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के लिए अब सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु कंथापुरम ए. पी. अबूबकर मुसलियार आगे आए हैं। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी और कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु उसे बचाने के लिए ‘हर संभव प्रयास’ कर रहे हैं। नर्स को दो दिन बाद यानी 16 जुलाई की फांसी देने की तारीख तय की गई है।

सूत्रों ने बताया कि 94 वर्षीय मुसलियार ने यमन में इस्लामिक धार्मिक नेतृत्व के साथ बातचीत की है। इसके अलावा वह मृतक तलाल अब्दो मेहदी के परिजनों के संपर्क में भी हैं। तलाल अब्दो मेहदी यमनी नागरिक था, जिसकी भारतीय नर्स ने 2017 में कथित तौर पर हत्या कर दी थी। मुसलियार को भारत के मुफ्ती ए आजम की उपाधि प्राप्त है और उन्हें आधिकारिक तौर पर शेख अबूबक्र अहमद के नाम से भी जाना जाता है।

फांसी में अब बचे हैं सिर्फ दो दिन

केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया को अपने यमनी व्यापारिक साझेदार मेहदी की हत्या करने के मामले में 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जानी है। सूत्रों ने बताया कि दियात (ब्लड मनी) दिए जाने को लेकर बातचीत हो चुकी है और केरल में संबंधित पक्षों को इसकी जानकारी दे दी गई है। हालांकि, बातचीत की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।

यमन में लागू शरिया कानून के अनुसार, दियात कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त क्षमादान वित्तीय मुआवजा है जो दोषी की तरफ से मारे गए व्यक्ति के परिजन को दिया जाता है। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि बातचीत को सुगम बनाने के लिए मुसलियार के मुख्यालय में एक कार्यालय खोला गया है।

निमिषा प्रिया पर अपने बिजनेस पार्टनर अब्दो महदी की हत्या का आरोप है. इसी मामले में निमिषा को फांसी की सजा सुनाई गई है. यमन के शरिया कानून के मुताबिक अगर महदी का परिवार ब्लड मनी को लेकर राजी हो जाता है तो निमिषा को जेल से रिहा कर दिया जाएगा.
परिवार 8.5 करोड़ रुपए देने को राजी

निमिषा के परिवार ने बतौर ब्लड मनी 8.5 करोड़ रुपए (1 मिलियन डॉलर) देने की पेशकश की है. पैसे जुटा भी लिए गए हैं, लेकिन अब्दो का परिवार इसको लेकर अब तक राजी नहीं है.

सवाल उठ रहा है कि आखिर अब्दो का परिवार इसे क्यों नहीं मान रहा है? क्या अब्दो महदी के परिवार को यह रकम कम लग रही है या उस पर कोई और ही दबाव है?
पूरे केस में हूती विद्रोही एक्टिव

निमिषा प्रिया केस में हूती विद्रोहियों का एक्टिव होना मुश्किलों का कारण बन गया है. सोमवार (14 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने इसके संकेत भी दिए. अटॉर्नी ने कहा कि हूती विद्रोहियों ने इसे सम्मान से जोड़ लिया है.

अब्दो महदी परिवार और हूती के विद्रोही ब्लड मनी पर बात नहीं कर रहे हैं. इसलिए यह मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है. सरकार की कोशिश जारी है. परिवार भी वहीं पर है और बात चल रही है.

हूती विद्रोहियो को मनाने के लिए सुन्नी समुदाय के ग्रांड मुफ्ती ने केरल में डेरा डाल दिया है. ग्रांड मुफ्ती अबूबकर मुसलियार ने यमन के धर्मगुरु के साथ बंद कमरे में मुलाकात की है.
इसलिए भी हूती केस में बड़ा अड़ंगा

निमिषा प्रिया को भारत इसलिए भी नहीं बचा पा रहा है. क्योंकि हूती यमन में एक्टिव है और उसकी वजह से यमन की राजधानी में भारत का कोई दूतावास नहीं है. हूती के विद्रोही पिछले 6 साल से यमन और उसके आसपास तांडव मचा रहे हैं.

भारतीय दूतावास सऊदी के रियाद से इस पूरे प्रकरण को मॉनिटर करने की कवायद कर रहा है, लेकिन हूती के रिश्ते सऊदी से भी ठीक नहीं है. हूती सऊदी को अमेरिका का पिट्ठू मानता है और उसके खिलाफ हर वक्त मोर्चा खोले रखता है.

निमिषा प्रिया को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी

पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी और 2023 में उसकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई थी। वह वर्तमान में यमन की राजधानी सना की जेल में कैद है। इससे पहले दिन में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि 16 जुलाई को फांसी की सजा का सामना कर रही नर्स के मामले में सरकार कुछ खास नहीं कर सकती। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments