Homeदेशहर सांस मायने रखती है — विश्व निमोनिया दिवस पर डॉ. आर.आर.... हर सांस मायने रखती है — विश्व निमोनिया दिवस पर डॉ. आर.आर. कुर्रे ने किया जन जागरूकता अभियान, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर दिया जोर”
“हर सांस मायने रखती है — विश्व निमोनिया दिवस पर डॉ. आर.आर. कुर्रे ने किया जन जागरूकता अभियान, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर दिया जोर”
नरसिंहपुर, संवादाता आकाश तिवारी……..

विश्व निमोनिया दिवस के अवसर पर रेलवे हॉस्पिटल नरसिंहपुर एवं रेलवे स्टेशन परिसर में डॉ. आर.आर. कुर्रे के नेतृत्व में एक जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस वर्ष विश्व निमोनिया दिवस की थीम रही — “बाल जीवन रक्षा: शीघ्र उपचार, मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली और टीकाकरण से निमोनिया पर नियंत्रण।”

कार्यक्रम में लोगों को बताया गया कि निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का संक्रमण है, जो विशेष रूप से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। ठंड के मौसम में यह रोग अधिक घातक रूप ले लेता है। यह बैक्टीरिया, वायरस या फंगल संक्रमण से होता है, और कभी-कभी अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों में भी फैल सकता है।

डॉ. कुर्रे ने बताया कि बैक्टीरिया निमोनिया का इलाज एंटीबायोटिक से संभव है, जबकि वायरल निमोनिया का इलाज घर पर आराम और देखभाल से किया जा सकता है।
उन्होंने कहा — “हर सांस की रक्षा करें, हर जीवन बचाएं। निमोनिया मुक्त विश्व के लिए परिवार, समुदाय, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सरकार सभी को मिलकर कार्य करना होगा।”
उन्होंने निमोनिया के प्रमुख लक्षणों पर भी प्रकाश डाला —
खांसी के साथ हरा या पीला बलगम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, कमजोरी, थकान, भूख न लगना और ऑक्सीजन की कमी से होंठ या नाखूनों का नीला पड़ना।
भारत में हर 39 सेकंड में एक बच्चा निमोनिया से अपनी जान गंवाता है। यह देश में बच्चों की मौत का प्रमुख कारण है।
डॉ. कुर्रे ने लोगों से अपील की कि वे टीकाकरण अवश्य करवाएं, धूम्रपान से दूर रहें, स्वच्छता बनाए रखें, और बच्चों को ठंड से बचाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अंधविश्वास और झाड़-फूंक की जगह योग्य चिकित्सक से ही इलाज करवाएं।
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य परीक्षण शिविर भी लगाया गया, जिसमें रेलवे हॉस्पिटल की टीम ने नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उचित उपचार की सलाह दी। स्टेशन परिसर में लाउडस्पीकर से लोगों को “निमोनिया से बचाव, हर सांस की सुरक्षा” का संदेश दिया गया।
अंत में डॉ. कुर्रे ने कहा कि “स्वच्छ हवा, अच्छा पोषण और समय पर टीकाकरण — यही निमोनिया से बचाव की सबसे बड़ी ढाल है।”