9M729 मिसाइल के इस्तेमाल ने यह साबित कर दिया है कि रूस अब किसी पुराने समझौते की परवाह नहीं करता। अमेरिका और उसके सहयोगियों को अब नई रणनीति बनानी होगी। सवाल ये है — क्या इस सबका अंत बातचीत से होगा, या दुनिया फिर एक बार ‘परमाणु सर्दी’ की दहलीज पर जाएगी?
