Bhutan दौरे ने एक बार फिर दिखा दिया कि मोदी की विदेश नीति केवल भाषणों पर नहीं, बल्कि जमीनी डिलीवरी पर आधारित है। जहां पश्चिमी दुनिया बयानबाज़ी में उलझी है, भारत अपने पड़ोस में सड़कों, पुलों, ऊर्जा, शिक्षा और संस्कृति के माध्यम से वास्तविक रिश्ते बना रहा है।
