Jamaat-e-Islami राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में बांग्लादेश की स्थिति निर्णायक मोड़ पर होगी। अगर जनमत संग्रह का मुद्दा बढ़ता है, तो देश एक राजनीतिक संकट और हिंसा के दौर में फंस सकता है।भारत के लिए यह जरूरी है कि वह राजनयिक स्तर पर हस्तक्षेप किए बिना रणनीतिक सतर्कता बनाए रखे, ताकि किसी भी स्थिति में उसके सीमावर्ती क्षेत्र प्रभावित न हों।
